मेरा जन्म दिन पर निबंध | Essay for Kids on My Birthday in Hindi!

हमारे देश में जन्मदिन मनाने की परम्परा है । हमारे शास्त्रों की मान्यता है कि मानव जन्म अनेक पुण्यों के बाद मिलता है । हमारे यहाँ प्रार्थना की गई है कि हम कर्म करते हुए सौ वर्ष जीयें ।

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संभवत: पहले यह परम्परा राजा महाराजाओं से प्रारम्भ हुई होगी और फिर जनता में आई । अब तो जन्मदिन मनाने का आम रिवाज है । नेताओं के जन्मदिन राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं और सामान्य व्यक्तियों के पारिवारिक स्तर पर ।

कल 29 जनवरी है और मेरा जन्मदिन भी । मैं 12 साल की हूँ और कल तेरहवें साल में प्रवेश करुँगी। जन्मदिन मेरे लिए सबसे खुशी का दिन होता है। परिवार वाले सुबह-सुबह जन्म दिन की बधाई देते हैं। इस बार मैंने अपने जन्म दिन पर अपनी सहेलियों का आमन्त्रित किया है और कुछ समीप के रिश्तेदार और अंकल आटी भी आएँ हैं ।

मैं सुबह स्कूल गई और वहाँ अपनी कक्षा अध्यापिका और अपनी कक्षा के छात्रों को मिठाई खिलाई । सब ने ताली बजाकर मेरे जन्मदिन का स्वागत किया और मुझे बधाई दी । मेरे जन्म दिन पर मेरे सभी मित्र आए और साथ में सुन्दर-सुन्दर उपहार भी लाए। अंकल आंटी ने मेरे लिए दीर्घायु होने की प्रार्थना की और मेरे मित्रों ने कहा कि यह दिन तुम्हारे जीवन में बार-बार लौट कर आए ।

जो मित्र नहीं आ सके उन्होंने अपने बधाई पत्र भेजे । मेरे जन्म दिन पर केक काटा गया । मेरी सहेली रीतू ने गाना गाया और सब ने तालियाँ बजा-बजा कर उस गाने का आनन्द उठया । रोहित और अरविन्द ने मिलकर हास्य नाटक खेला जो सभी को पसन्द आया ।

कुछ औरतों ने मिलकर डांस किया जिसे देखकर सभी लोग आनन्दित हुए । बीच-बीच में खाने का कार्यक्रम भी चलता रहा । दस बजे रात को सब अपने-अपने घर को लौट गए । मैंने जन्मदिन पर दिए गए उपहारों को खोलकर देखा और उन्हें देखकर बहुत प्रसन्न हुई । ईश्वर से प्रार्थना करने लगी कि यह दिन दुबारा जल्दी लौट कर आए ।

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