सूचना क्रांति के केंद्र में भारत पर निबंध | Essay on India and Information Revolution in Hindi!

पिछले दशक में कंप्यूटर के क्षेत्र में हुए अविश्वसनीय विकास ने एक नई क्रांति को जन्म दिया जिसे सूचना क्रांति (इंफॉर्मेशन रिवोल्यूशन) के नाम से जाना गया । वैसे तो इस क्रांति का प्रभाव पूरे विश्व पर ही पड़ा है परंतु इसके प्रभाव के केंद्र के रूप में आज भारत स्थापित हो चुका है ।

भारत अपनी पहचान एक ऐसे देश के रूप में कायम करने में सफल रहा है जो अपने मानव संसाधनों को इस क्षेत्र में पूरी तरह से संयुक्त कर सकता है ताकि इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल सके । सूचना क्रांति के भारत पर अनेक प्रभाव पड़े हैं जिनका विवेचन करने पर इनका वास्तविक महत्व दृष्टिगोचर होता है ।

प्रथम तो यह है कि इसके प्रसार के साथ ही भारत में कंप्यूटर जागरूकता की होड़ सी लग गई । प्रत्येक बच्चा, बूढ़ा एवं युवा कंप्यूटर को जानने व सीखने की आर प्रेरित हुआ । इससे अन्य विषयों के प्रति भी आम जनता का रुझान बढ़ा और देश में ज्ञान के प्रसार में वृद्‌धि हुई ।

दूसरी ओर इंटरनेट व मल्टीमीडिया के लोकप्रिय होने के कारण घर-घर में कंप्यूटर की पहुँच संभव हुई । गली-गली में साइबर कैफे खुले जिससे अनेक शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिला । इसके साथ इंटरनेट प्रयोक्ताओं द्‌वारा अनेक विषयों पर गहन जानकारी प्राप्त करके इसके उपयोग द्‌वारा अनेक अन्य कार्यों में वृद्‌धि हुई । यह ठीक वैसे ही है जैसे शेयर बाजार में इंटरनेट का प्रयोग ।

सूचना क्रांति के आने पर पूरे विश्व में सॉफ्टवेयर विकास की गहन आवश्यकता अनुभव की गई । भारतीय शिक्षित बेरोजगारों को इससे अच्छा अवसर शायद ही मिल पाता । प्रतिवर्ष हजारों-लाखों सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ तैयार होने लगे ।

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इनमें से आज भी हजारों विशेषज्ञ अच्छे वेतन-भन्ते हेतु विकसित देशों; जैसे – संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, ईरान आदि में चले जाते हैं जहाँ से धन कमाकर वे भारत में लाते हैं । इस प्रकार यह भारत में विदेशी मुद्रा के आगमन का एक और स्रोत बनकर उभरा है । ध्यान देने योग्य तथ्य है कि प्रवासी भारतीयों द्‌वारा भारत में धन भेजने तथा यहाँ निवेश करने के कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था को संबल मिला है ।

विश्व में यकायक उभरी सॉफ्टवेयरों की माँग को पूरा करने के लिए भारत में अनेक कंपनियाँ उभर कर सामने आई । इनमें से कुछ कंपनियाँ; जैसे – विप्रो, इंफोसिस आदि विश्व की सर्वाधिक संपन्न कंपनियों में सम्मिलित हो चुकी हैं । इन कंपनियों ने न केवल अनेक शिक्षितों को रोजगार प्रदान किया है अपितु ये प्रतिवर्ष भारी मात्रा में सरकार को कर भी प्रदान करती हैं ।

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यह एक स्थापित तथ्य है कि सॉफ्टवेयर विकास के क्षेत्र में भारत एक महाशक्ति बन चुका है और विश्व के सबसे संपन्न देश भी इस क्षेत्र में हमारे समकक्ष खड़े होने में स्वयं को असमर्थ पा रहे हैं । सूचना क्रांति के आने से रातों-रात इलेक्ट्रॉनिक चैनलों की भरमार हो गई ।

जहाँ एक समय भारतीय नागरिक एकमात्र दूरदर्शन देखकर एक मायूस स्थिति में जी रहे थे, वहीं आज वे विश्व स्तर के सैकड़ों चैनल दिन-रात अपने टी.वी. पर देख सकते हैं । इस तरह न केवल मनोरंजन का क्षेत्र व्यापक हुआ है अपितु ज्ञान-विज्ञान का एक नया क्षितिज भी खुल गया है । इन चैनलों के आने से विज्ञापन बाजार बढ़ा है, हजारों केबल आपरेटरों को एक अच्छा रोजगार प्राप्त हुआ है ।

अत: सूचना क्रांति के आने से भारत के न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ने वाला है । भारत चूँकि मानव संसाधनों के मामले में बहुत धनी है, अत: इस देश में उनका अधिकाधिक उपयोग संभव है । दूसरी ओर सूचना तकनीक विश्व में निरंतर महत्वपूर्ण होता जा रहा है क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र में इसका उपयोग है । भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने में आने वाले समय में इसकी भूमिका निर्विवाद रूप से बढ़ेगी । आशा है इस क्षेत्र में महाशक्ति बनकर उभरा भारत अपना स्थान सदैव सर्वोच्च बनाए रख सकेगा ।

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