सोनिया गाँधी पर निबन्ध | Essay on Sonia Gandhi in Hindi!

सोनिया गाँधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा हैं । जो इस समय भारत की सत्तारूढ़ पार्टी है । सोनिया गाँधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की विधवा पत्नी हैं । जिनकी हत्या 1991 में एक बम धमाके में कर दी गयी । सोनिया गाँधी का जन्म 9 दिसम्बर 1946 को इटली के एक छोटे से गाँव ब्रसानो में हुआ था ।

उनकी शिक्षा-दीक्षा केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई । अपने कॉलेज के दिनों में उनकी राजीव गाँधी से भेंट हुई । जो उसी समय उसी कॉलेज में इंजीनियर की शिक्षा ले रहे थे । राजीव को सोनिया से प्रेम हुआ और 1968 में दोनों का विवाह हुआ । सोनिया ने दो बच्चों को जन्म दिया जिनका नाम राहुल और प्रियंका है ।

सोनिया गाँधी प्रारम्भ से ही एक शर्मीली लड़की थीं । सार्वजनिक जीवन में आने से और लोगों से घुलने-मिलने में वह हिचकिचा जाती थीं । उनकी सास इन्दिरा गाँधी ने उनको समझाया और तौर तरीके बदलने की हिदायत दी । इन्दिरा गाँधी का कहना था कि, सोनिया को अपने शर्मीले स्वभाव में बदलाव लाना चाहिए । अन्यथा यह गाँधी परिवार की बदनामी का कारण बन सकता है ।

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इन्दिरा जी की सलाह को सोनिया गांधी ने गम्भीरतापूर्वक लिया और स्वयं को सामाजिक व्यक्ति के रूप में ढालना प्रारम्भ कर दिया । सबसे बड़ी दुखद घटना सोनिया जी के साथ तब हुई जब राजीव गाँधी की हत्या पैरम्बदूर नामक स्थान पर 1991 में कर दी गयी । उनके लिए यह एक अग्नि परीक्षा थी जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया । 1991 में सहानुभूति लहर के बल पर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद देने को कहा गया जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया ।

1996 में कांग्रेस की हार के बाद उन्हें कांग्रेस की बागडोर सम्भालने पर मजबूर किया गया । परन्तु तब भी उन्होंने अध्यक्ष पद लेने से इनकार कर दिया किन्तु अन्तत: कांग्रेस की कमजोर स्थिति को देखते हुए उन्होंने 1998 में कांग्रेस का अध्यक्ष पद ग्रहण कर ही लिया । जब उन्होंने कांग्रेस की बागडोर को सम्भाला तो उनके आने से कांग्रेस का तरलीकरण ही नहीं रूका बल्कि कांग्रेस मजबूत हुई ।

1991 में उन्होंने बेल्लारी, कर्नाटक, अमेठी और उ. प्र. से चुनाव लड़ा और दोनों ही स्थानों से निर्वाचित हुईं । उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए हर सफल प्रयास किया । उन्होंने कांग्रेस का संदेश फैलाने के लिए 60,000 कि.मी. तक हवाई यात्रा की ।

सबसे बड़ी चुनौती का सामना उनको तब हुआ जब राजग ने लोकसभा की अवधि पूरी होने से छ: माह पहले चुनाव कराने का निर्णय लिया । उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और दिन-रात मेहनत करके कांग्रेस को विजय दिलायी । किसी ने उनकी क्षमता पर विश्वास नहीं किया और हर एक उन पर हंसता था ।

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किन्तु वह कामयाब हुई और कांग्रेस को सत्ता में लाकर अपने विरोधियों को करारा झटका दिया । वह प्रसिद्धि की ऊँचाईयों पर तब पहुँची जब उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से इनकार किया और करोड़ों लोगों के मन में अपने लिए जगह बनायी । हर व्यक्ति सत्ता को पाने के लिए सब कुछ करता है किन्तु श्रीमती गांधी ने ठीक इसके विपरीत करके दिखाया और यह सिद्ध कर दिया कि सत्ता सेवा का एक साधन है न कि भोग विलास की एक वस्तु ।

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