गणतंत्र दिवस पर निबन्ध | A New Essay on Republic Day in Hindi!

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अंग्रेज भारत में व्यापार करने आए थे किंतु शासक बन बैठे । उन्होंने भारतवासियों पर अत्याचार ही नहीं किये अपितु उन्हें लूटा भी । भारतवासियों ने गुलामी की जंजीरें काटने का निर्णय किया ।

स्वामी दयानन्द सरस्वती जैसे महापुरुषों ने एकता तथा स्वतंत्रता की आवश्यकता पर बल दिया । परिणामस्वरूप एकता का प्रदर्शन करते हुए सभी भारतीयों ने 1857 में, अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया । इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है ।

इस युद्ध में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई दिल्ली के बादशाह बहादुरशाह जफर तथा तांत्या टोपे, कुंवर सिंह और नाना साहब जैसे वीरों ने भाग लिया । इसके बाद स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए संघर्ष का एक निस्थ्य चलता रहा ।

एक ओर तिलक, गोखले, लाला लाजपतराय, महात्मा गाँधी तथा मोतीलाल जैसे नेताओं आंदोलन छेड़ दिया । दूसरी ओर रामप्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आजाद, बटुकेश्वरदत्त, भगत सिंह, राजगुरू तथा सुखदेव जैसे क्रांतिकारी उठ खड़े हुए और अंग्रेजों को आंतकित करने लगे ।

संघर्ष लम्बा चला । हजारों स्वतंत्रता सेनानी स्वतंत्रता की बलि पर चढ़ गए । अंतत: 15 अगस्त, 1947 को भारत वर्ष आजाद हो गया । अंग्रेज भारत को छोड़कर चले गए । भारत के लोगों ने स्वतंत्रता की खुली हवा में साँस ली ।

अब भारत का शासन स्वयं भारतीयों ने चलाना था । भारत में विभिन्न धर्म, जातियों तथा उपजातियों के लोग रहते थे । उनको इकट्ठा रखने के लिए यह आवश्यक था कि भारत का शासन उनकी इच्छाओं के अनुरूप चलाया जाए । दूसरे शब्दों में भारत के सभी वर्गों को देश की शासन व्यवस्था में सम्मिलित करना जरूरी था ।

परिणामस्वरूप संविधान सभा की स्थापना की गई । 26 जनवरी, 1950 को भारत एक गणतत्रबन गया । अपना संविधान लागू हो गया । गर्वनर जनरल पद्धति समाप्त हो गई । डा. राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले नए राष्ट्रपति बने ।

तब से अब तक भारत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है । इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है । सभी कार्यालय और व्यापारिक प्रतिष्ठान बन्द रहते हैं । सरकार द्वारा इस दिन जनकल्याण की कई योजनाओं की घोषणा की जाती है । सरकारी समारोह होते हैं । गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली में होता है । यह भव्य समारोह होता है । सेना, पुलिस तथा बलों के दस्तों द्वारा परेड निकाली जाती है ।

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राष्ट्रपति सलामी लेते हैं । गणतंत्र का यह रंगारंग कार्यक्रम काफी समय चलता रहता है । बैंड की मधुर धुनों पर परेड होती है । स्कूलों के छात्र तथा छात्राएँ पी.टी. का प्रदर्शन करते हैं । सभी राज्यों द्वारा उनके राज्यों से सम्बन्धित झाँकियाँ निकाली जाती है ।

यह आकर्षक तथा भव्य होती है । भारत के विभिन्न राज्यों से आए नर्तक तथा नर्तकियाँ अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं । इसी अवसर पर वीर बालक तथा बालिकाओं को सम्मानित किया जाता है । हाथी पर उनकी सवारी निकलती है ।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत की राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है । गणतंत्र दिवस का उपरोक्त समारोह देखने लोग बहुत ही सुबह पहुंचने शुरू हो जाते हैं । दिन होते-होते राजपथ परअनन्त भीड़ इकट्ठी हो जाती है ।

सारा दिन राजधानी में चहल-पहल रहती है । रात को राष्ट्रपति भवन जैसे महत्त्वपूर्ण भवनों पर रोशनी होती है । इस अवसर पर आतिशबाजी का कार्यक्रम भी होता है ।

29 जनवरी को बीटिंग स्ट्रीट जैसे कार्यक्रम के साथ गणतंत्र दिवस समारोह समाप्त होते हैं ।