बन्दर वाला मदारी पर अनुच्छेद | Paragraph on The Juggler with Monkey in Hindi

प्रस्तावना:

शहर अथवा गाँवों में बन्दर वाला मदारी आम दिखाई देता है । वह गाँव-गाँव अथवा शहर-शहर के विभिन्न मुहल्लों की फेरी लगाता है । उसके साथ 2-3 बन्दर होते हैं जिनके गले में वह रस्सी बांधे रखते है । 

उसके एक हाथ में एक डुगडुगी और दूसरे हाथ में एक छड़ी होती है । उसके बगल में एक झौला लटकता रहता है जिसमें खेल दिखाने के कई प्रकार के सामान होते हैं । उसकी डुगडुगी की आवाज सुनते ही छोटे-छोटे लडके और लडकियां उसका खेल देखने घरों से निकल आते हैं ।

उसका रूप-रंग:

मदारी की पोशाक और रूप-रंग अनूठा होता है । वह आमतौर पर कंजर समुदाय का होता है । उसके चेहरे पर अक्सर बेढंगी दाढ़ी होती है । उसका शरीर तो मजबूत और सुगठित होता है पर वह ढीले-ढाले कपड़े पहनता है । उसका कुरता ढीला और घुटनो तक लम्बा होता है जो कधो से झूलता रहता है वह धोती या पाजामा के स्थान पर तहमद लपेटता है ।

उसका खेल:

जब काफी लड़के और लड़कियाँ उसके चारों ओर एकत्र हो जाते हैं, तो वह डुगडुगी बजाना बन्द कर देता है । अपने थैले को कांधे से उतार कर वह एक किनारे रख देता है और बन्दरों की रस्सी ढीली करके बन्दर के खेल दिखाना प्रारम्भ कर देता है ।

वह डुगडुगी की आवाज और अपनी छडी के इशारो पर बन्दर के तरह-तरह के नाच दिखाता है । बन्दर अपने पिछले पैरो पर सीधा खड़ा होकर आदमियों के समान चलकर दिखाता है । कभी-कभी वह अपने मालिक के सिर पर सवार होकर तरह-तरह के करतब दिखाता है ।

बन्दर को इस तरह का नाच करते देखकर बड़ा मजा आता है । इसके बाद मदारी बन्दर की शादी की कहानी सुनाता है और बन्दर को कपड़े पहनाकर अपनी ससुराल जाने को कहता है । सिर पर लाल टोपी लगाए और हाथ में छडी लिए सीधे खड़े होकर ससुराल जाते देख बच्चे हर्ष से तालिया बजाने लगते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

कभी-कभी मदारी उसके हाथ में आइना दे देता है, जिसमें शक्ल देखकर वह अपनी टोपी ठीक करता है और हाथ से चेहरे को ऐसे पोंछता है मानो धूल और गर्द हटा रहा हो । वह दुल्हा के रूप में तरह-तरह के करतब दिखाता है । एक छोटे बन्दर को उसकी दुल्हन बनाकर दिखाया जाता है, जिसे वह ससुराल से विदा कराकर लाता है । यह सब देखकर बड़े और बच्चे सभी आनंदित हो जाते हैं ।

दर्शकों की प्रतिक्रिया:

अधिकांश दर्शक छोटे-छोटे लड़के और लड़कियाँ होते हैं । वे खुशी से उछल-उछल कर खूब तालियाँ बजाते हैं । बन्दर के हर करतब और नाच पर वे हर्ष ध्वनि करते हैं । खेल के समापन पर मदारी जब बन्दर से सलाम करवाकर पैसों की मांग करता है, तो वे दौड़कर अपने घरों से कुछ न कुछ ले आते है ।

ADVERTISEMENTS:

यदि कोई निर्धन बालक पैसा नहीं ला पाता तो रोटी, अनाज, आटा या चावल ही ले आता है । कुछ शरारती बच्चे बन्दर को चिढाते हैँ या उसे पत्थर मारते है ।

उपसंहार:

इस प्रकार जगह-जगह अपने बन्दरों का खेल दिखाकर मदारी अपना पेट भरता है । वह अपने काम से कभी थकता नहीं है । उसकी बातें बड़ी मजेदार होती हैं और उन्हें जोर-जोर से कहने का का भी अपने आप में अनूठा होता है । उसकी पोशाक बड़ी अजीब और बेढंगी होती है । उस पर मैल और तेल के धब्बे लगे होते है ।

छोटे लड़के और लड़कियां उसका खेल देखने को सदैव उत्सुक रहते हैं । उसके बन्दर खूब सिखाये-पढ़ाये हुए होते हैं । उसकी आमदनी बहुत कम होती है । यही कारण है कि धीरे-धीरे वे अपना व्यवसाय छोड़कर अन्य काम करने लगे हैं ।

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