ईद का त्यौहार पर अनुच्छेद | Paragraph on Eid Festival in Hindi

प्रस्तावना:

ईद-उल-फितर अथवा रोजा ईद एक बड़ा महत्वपूर्ण त्यौहार है । सारे विश्व के सभी मुसलमान इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं ।

कब और क्यों मनाया जाता है ?

रमजान के महीने में जिस दिन दूज का चाद दिखाई दे जाता है, उसके अगले दिन ईद का त्यौहार मनाया जाता है । यह बड़ा महत्त्वपूर्ण त्यौहार है । मुसलमान 30 दिन रोजे (उपवास) रखते है । इन दिनों वे सारे दिन पानी की एक बूंद तक मुँह में नहीं जाने देते ।

सूर्यास्त होने के बाद नमाज पढ़कर ही वे रोजा खोलते हैं । पूरे महीने वे ईश्वर की याद करके नेम-धर्म से जीवन जीते है । इन रोजो की समाप्ति ईद से होती है । ईद का चाँद देखना बडा पुनीत माना जाता है । शाम से ही सैकडों आखे आसमान मे चाँद देखने का प्रयास करती हैं । ज्यों ही चाँद दिखाई देता है, वे खुशी से नाच उठते हैं । यह रोजो की समाप्ति का प्रतीक माना जाता है । अगले दिन ईद का त्यौहार मनाने की घोषणा कर दी जाती है ।

कैसे मनाया जाता है ?

यह मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार है । वे इस त्यौहार की बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं । त्यौहार के कई दिन पहले से ही खूब धूमधाम से तैयारियाँ की जाती हैं । सभी मुसलमान बालक-वृद्ध, पुरुष-स्त्रियों, अमीर-गरीब नए-नए रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं ।

इस त्यौहार पर नई टोपी और नए जूतों का विशेष महत्त्व होता है । ईद के दिन सभी मुसलमान सुबह उठकर खूब मल-मल कर स्नान करते है और नए वस्त्र पहनते हैं । वे खूब सुगन्धित इत्र लगाते हैं । बच्चे नई-नई पोशाक पाकर हर्ष से उछलते-कूदते है । सभी मुसलमान इस पवित्र दिन पर खैरात बाटना बड़े पुण्य का काम समझते हैं ।

ईदगाह में प्रार्थना:

ADVERTISEMENTS:

नहा-धोकर सभी पुरुष और बच्चे नमाज पढ़ने के लिए ईदगाह जाते हैं । सब एकत्र होकर सम्मिलित रूप से अल्लाह का नाम लेते है । नमाज पढ़कर वे सब बड़े प्रेम से एक-दूसरे को गले मिलते हैं और ‘ईद मुबारक’ कहते हैं । इस अवसर पर छोटे-बड़े और ऊँच-नीच में कोई भेद नहीं होता ।

सभी अपने आपसी मतभेद और वैर-भाव भुलाकर सगे भाइयो की तरह प्यार से गले मिलते हैं । इसके बाद कुछ लोग अपने मित्रो और पुरखो की कब्र पर फूल चढाने कब्रगाह जाते हैं । वहाँ वे उनको आत्मा की शाति के लिए अल्लाह से प्रार्थना करते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

इसके बाद वे अपने घर लौट आते हैं । मुसलमानों का मत है कि जितने अधिक लोग एक साथ मिलकर इस दिन ईश्वर की प्रार्थना करेंगे उतना ही अधिक ईश्वर उन्हें आशीर्वाद देगा । इसलिए वे ईदगाह मे बहुत बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं ।

ईदगाह से लौटकर लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ अच्छे से अच्छा भोजन करते हे । रपट्टा इस त्यौहार की विशेष मिठाई होती है । ईद की सेवइयाँ सभी बड़े चाव से खाते हैं । मित्रों और रिश्तेदारों के घर मिठाई, फल और सेवइयाँ भेजी जाती हैं । दिनभर जहा भी कोई थोडा-सा परिचित व्यक्ति दिख जाये, वे तुरत लपक कर ‘ईद मुबारक’ देकर उसके गले लग जाते हैं ।

उपसंहार ईद का त्यौहार बड़ा महत्वपूर्ण है । यह लोगों में आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देता है । इस दिन सभी झगड़े समाप्त करके लोग गले मिलते हैं । गरीबों को दान दिया जाता है । त्यौहार के पहले एक महीने तक उपवास रखने से लोगों को आन्तरिक शान्ति मिलती है और मानवमात्र के प्रति प्यार को बढ़ावा मिलता हैं ।

Home››Festivals››