Hindi Story on a Proud Rooster (With Picture)!

घमंडी मुर्गा |

एक बार दो पालतू मुर्गे आपस में लड़ने लगे । दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों पर राजा के समान अपना अधिकार जमाना चाहते थे । झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों बहुत बुरी तरह आपस में गुंथ गए ।

दोनों ही अपने नुकीले पंजों से एक-दूसरे का पेट फाड़ देना चाहते थे । लड़ाई के दौरान दोनों मुर्गे ऊपर हवा में उठते, एक दूसरे के सामने आते और अपने पंजों से एक-दूसरे के पेट पर वार करते । यह लड़ाई बहुत देर तक जारी रही ।

एक मुर्गा तो इतना अधिक घायल हो गया कि उसने मैदान छोड़ दिया । दूसरा मुर्गा इतना खुश हुआ कि वह एक इमारत की छत पर चढ गया और लगा चिल्लाने : ”मैं जीत गया ! वह देखो वह डरपोक भागा जा रहा है ।”

उसी समय एक अकाब ऊंचे आकाश में अपने शिकार की खोज में उड़ रहा था । उसने नीचे मकान की छत पर मुर्गा खड़ा देखा । वह तेजी से मुर्गे पर झपटा और उसे अपने खूनी पंजों में दबाकर उड़ गया । घायल मुर्गे ने उकाब को दूसरे मुर्गे को अपने चंगुल में ले जाते हुए देखा तो मुस्करा कर कहा : ‘अहंकार सारी बुराइयों की जड़ है ।’

निष्कर्ष: घमंडी का सिर नीचा ।

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