Hindi Story on An Empty Vessel Sounds Much (With Picture)!

अधजल गगरी छलकत जाए |

एक बार एक किसान को पास के एक दूसरे गांव में जाना पड़ा । गाव पहुंचने के लिए एक नदी पार करना आवश्यक था । समस्या तब उत्पन्न हुई, जब वह नदी के किनारे पहुचा । किसान को तैरना नहीं आता था । वहां नावें भी नहीं थीं । सो उसके पास एक ही रास्ता था कि वह नदी उन्हीं स्थानों से पैदल पार करे, जहां पानी की गहराई बहुत कम थी ।

मगर उसके सामने एक दूसरी समस्या यह थी कि उसे यह नहीं मालूम था कि नदी में किस स्थान पर पानी की गहराई कम है । तभी उसके गांव का एक दूसरा आदमी वहां आ गया । जब उसने किसान को किसी गहरे सोच में खोए हुए देखा तो उत्सुकतावश पूछ बैठा : ”मित्र, आखिर समस्या क्या है ? बहुत दुखी दिखाई दे रहे हो ।

क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूं ?” किसान ने उसे अपनी समस्या बताई । उसे सुनकर वह आदमी हंसा और कहने  लगा : ”मित्र, यह तो बहुत सरल है ! तुम इतने दुखी क्यों होते हो । देखो, जिस स्थान पर नदी गहरी है, वहां का जल शांत होगा ।

इसके विपरीत उथला पानी हमेशा शोर करने वाला होगा ।”  वह आदमी दोबारा हंसा और कहने लगा : ”यह सार्वभौम सत्य है! क्या तुमने कभी यह कहावत नहीं सुनी, अधजल गगरी छलकत जाए भरी गगरिया चुपके जाए ।”

निष्कर्ष: गुणवान सरल गम्भीर रहते हैं ।

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