Hindi Story on Bat and the Hunter (With Picture)!

चमगादड़ और शिकारी |

एक बार एक शिकारी ने एक चमगादड़ को पकडू लिया । वह उसे मारकर खाने ही वाला था कि चमगादड़ चिंचिया कर बोला : ”कृपया मेरी जान बखा दो! मेरे छोटे-छोटे बच्चे घर पर मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे । मुझ पर दया करो ।”

”बिस्कूल नहीं ।” शिकारी बोला: ”मैं पक्षियों पर दया नहीं करता ।” ”परंतु मैं पक्षी नहीं हूं ।” चमगादड़ ने कहा: ”मेरा शरीर देखो । मैं देखने में चूहा लगता हूं ।”  ”हूं!” शिकारी ने चमगादड़ को ध्यान से देखा और उसे छोड़ दिया ।

दुर्भाग्यवश कुछ दिनों बाद उसी चमगादड़ को किसी दूसरे शिकारी ने पकडू लिया । ”कृपया मुझे जान से मत मारिए!” चमगादड़ घिघियाया: ”मेरे ऊपर दया दृष्टि कीजिए ।””बिल्कुल नहीं ।” शिकारी ने जवाब दिया: ”मैं चूहों पर दया नहीं करता ।”

”पर श्रीमान मैं चूहा नहीं हूं ।” चमगादड़ बोला: ”आप मेरे-पंख देखिए । क्या चूहों केपंख होते हैं?” शिकारी ने उसकी बात सुनकर उसे छोड़ दिया । इस प्रकार उस चमगादड़ को दूसरी बार जीवनदान मिला ।

निष्कर्ष : चालाक लोग अपनी सुविधानुसार अपना दल बदल लेते हैं ।

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