Hindi Story on Punishment for Bad Company!

बुरी संगति का दण्ड |

एक बार एक किसान ने पक्षियों को पकडूने के लिए अपने खेत में जाल बिछाया । जाल में बहुत से पक्षी फंसे । फंसे हुए पक्षियों में जंगली कौए तो थे ही, बेचारा एक कबूतर भी फंसा पड़ा था ।

वह बेचारा लगा किसान की मिन्नतें करने : ”ओह, मालिक आपने इन कौओं के साथ मुझे क्यों पकड़ लिया ? कृपया मुझे छोड़ ही दीजिए । आप तो जानते हैं मैं एक हानिरहित सीधा-साधा पक्षी हूं । मैं समझता हूं कि आप अपने सच्चे मित्र को हानि नहीं पहुंचाना चाहेंगे ।”

”मैं अच्छी तरह समझता हूं ।” किसान बोला: ”मैं जानता हूं कि तुम किसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते । तुम उनके मित्र हो, मगर तुम्हें एक बात नहीं भूलनी चाहिए । अगर तुम बुरी संगत में रहोगे तो तुम्हें भी उसका दण्ड भुगतना पड़ेगा ।” अब कबूतर को अपनी गलती का एहसास हुआ, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी  थी ।

निष्कर्ष: बुरी संगत से बचो, इसका फल भी बुरा होता है ।

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