Hindi Story on the Fox and the Goat!

लोमड़ी और बकरी |

एक समय की बात है, एक लोमड़ी घूमते-घूमते एक कुएं के पास पहुंच गई । कुएं की जगत नहीं थी । उधर, लोमड़ी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया । परिणाम यह हुआ कि बेचारी लोमड़ी कुएं में गिर गई । कुआ अधिक गहरा तो नहीं था, परंतु फिर भी लोमड़ी के लिए उससे बाहर निकलना सम्भव नहीं था ।

लोमड़ी अपनी पूरी शक्ति लगाकर कुएं से बाहर आने के लिए उछल रही थी, परंतु उसे सफलता नहीं मिल रही थी । अंत में लोमड़ी थक गई और निराश होकर एकटक ऊपर देखने लगी कि शायद उसे कोई सहायता मिल जाए ।

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लोमड़ी का भाग्य देखिए तभी कुएं के पास से एक बकरी गुजरी । उसने कुएं के भीतर झांका तो लोमड़ी को वहां देखकर हैरान रह गई । ”नमस्ते, लोमड़ी जी!” बकरी बोली: ”यह कुएं में क्या कर रही हो?” ”नमस्ते, बकरी जी!” लोमड़ी ने उत्तर दिया: ”यहां कुएं में बहुत मजा आ रहा है ।”

”अच्छा! बहुत प्रसन्नता हुई यह जानकर ।” बकरी बोली : ”आखिर बात क्या है ?” ”यहां की घास अत्यन्त स्वादिष्ट है ।” लोमड़ी बड़ी चतुरता से बोली । ”मगर तुम कब से घास खाने लगी हो?” बकरी आश्चर्य से बोली । ”तुम्हारा कहना ठीक है ।

मैं घास नहीं खाती, मगर यहां की घास इतनी स्वादिष्ट है कि एक बार खा लेने के बाद बार-बार घास ही खाने को जी करता है । तुम भी क्यों नहीं आ जाती हो ?” ”धन्यवाद !” बकरी के मुंह में पानी भर आया : ”मैं भी थोड़ी घास खाऊंगी !” अगले ही क्षण बकरी कुएं में कूद गई ।

मगर जैसे ही बकरी कुएं के भीतर पहुंची लोमड़ी बकरी की पीठ पर चढ़कर ऊपर उछली और कुएं से बाहर निकल गई । ”वाह! बकरी जी । अब आप जी भर कर घास खाइए मैं तो चली ।”इस प्रकार वह चतुर लोमड़ी बकरी का सहारा लेकर खुद तो कुएं के बाहर आ गई लेकिन बकरी को कुएं में छोड़ दिया ।

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निष्कर्ष: हर किसी पर आंख मूंदकर विश्वास न करो ।

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