Hindi Story on the Monkey and the Fox (With Picture)!

बन्दर और लोमड़ी |

बहुत समय पहले की बात है । जंगल का राजा शेर बूढ़ा होकर काल के गाल में समा गया । राजा की मृत्यु के बाद जंगल के सभी जानवरों ने नया राजा चुनने के लिए एक सभा की । राजा बनने के लिए बहुत से जानवर उतावले थे, मगर कोई भी इस पद के योग्य नहीं पाया गया ।

काफी देर तक चली बहस के बाद एक बंदर को, जो शारीरिक रूप से बहुत विशाल था, राजा मनोनीत किया गया । यह बंदर अपनी चालाकी और हास्यजनक उछल-कूद के लिए भी मशहूर था । यह राजा बनने की दिशा में उसकी अतिरिक्त योग्यताएं थीं ।

परंतु एक लोमड़ी इस चुनाव से संतुष्ट नहीं था । वह स्वयं राजा बनना चाहता था । एक बंदर उस पर शासन करे, यह बात उसे स्वीकार नहीं थी । एक दिन प्रात: काल वह बंदर के पास जाकर बोला : ”महाराज ! आपकी जय हो ।

मेरे पास आपके लिए बहुत अच्छी खबर है! मगर यह आपको अपने तक ही रखनी होगी ।” बंदर यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ और उत्सुकतापूर्वक बोला : ”हां-हां ! बताओ, क्या समाचार है ?” बंदर ने कौतूहल से पूछा । ”महाराज, मैंने पास के एक जंगल में एक छुपा हुआ खजाना खोज निकाला है ।”

लोमड़ि बोला : ”अब आप चूंकि राजा हैं, अत: वह सारा धन आपका ही होना चाहिए इसीलिए मैंने उस धन को वहीं रखा हुआ है । आइए मैं आपको दिखाऊं ।” बंदर बिना एक क्षण बरबाद किए लोमड् के साथ जाने के लिए तैयार हो गया ।

लोमड़ि उसे एक ऐसे गड्डे के पास ले आया, जिसमें ऊंची-ऊंची घास तथा झाड़ियां उगी हुई थीं । ”वहाँ!” लोमड् फुसफुसाकर बोला: ”जहां लंबी घास है, आप वहां हाथ डालिए आपको खजाना मिल जाएगा ।” बंदर ने वैसा ही किया ।

मगर जैसे ही बंदर ने घास में अपना हाथ डाला ‘क्लिक’ की आवाज हुई और उसका हाथ फन्दे में फंस गया । अब लोमड़ि हंसने लगा : ”हो…हो…तुम भी कैसे राजा हो ? जब तुम्हें स्वयं अपना ही होश नहीं है, तो तुम इतने बड़े जंगल पर राज कैसे करोगे ?” यह कहते हुए लोमड़ि हंसता हुआ एक ओर भाग गया ।

ADVERTISEMENTS:

निष्कर्ष: बिना बुद्धि के सफलता प्राप्त नहीं होती ।

Home››Hindi Stories››