पं॰ जवाहर लाल नेहरू | Essay on Pandit Jawaharlal Neheru in Hindi!

पं॰ जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे । स्वतंत्रता संग्राम में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता । उनका संपूर्ण जीवन देश सेवा के लिए समर्पित था । पं॰ जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है । बच्चों में वे ‘ चाचा नेहरू ‘ के रूप में प्रसिद्‌ध थे ।

नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 ई॰ को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था । उनके पिता पं॰ मोतीलाल नेहरू एक विख्यात वकील थे । नेहरू जी को बाल्यकाल से ही समस्त सुविधाएँ प्राप्त थीं । उनका लालन-पालन शाही परिवार के राजकुमार की भाँति हुआ ।

बचपन से ही कुशल एवं अनुभवी अध्यापकों द्‌वारा उन्हें शिक्षा दी गई। 15 वर्ष की आयु में उन्हें अध्ययन हेतु लंदन भेजा गया । सन् 1910 ई॰ में कैंब्रिज विश्वविद्‌यालय से स्नातक की परीक्षा पास करने के उपरांत उन्होंने कानून की शिक्षा ग्रहण की तथा भारत लौटकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत करने लगे । 27 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कमला नेहरू के साथ हुआ ।

नेहरू जी भारत में ब्रिटिश साम्राज्य से क्षुब्ध थे । अंग्रेजों द्‌वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार उनके अंतर्मन को आंदोलित कर दैते थै महात्मा गाँधी के संपर्क में आने के पश्चात् उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम मैं कूदने का दृढ निश्चय किया । पं॰ नेहरू के पिता श्री मोतीलाल नेहरू पुत्र के स्वतंत्रता आंदोलन में कूदने के विचारों से सहमत नहीं थे, अत: उन्होंने गाँधी जी सै इस संबंध में बात की ।

गाँधी जी ने नेहरू जी को पिता के इच्छानुसार चलने की सलाह दी । परंतु देश के प्रति दर्द और प्रेम उन्हें अधिक दिनों तक बाँधे न रख सका । इसके पश्चात् उन्होंने वकालत छोड़ दी और राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो गए । गाँधी जी द्‌वारा चलाए गए ‘ असहयोग आंदोलन ‘ में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया । अंग्रेजी सरकार ने उन्हें अनेकों बार जेल भेजा परंतु वे इससे विचलित नहीं हुए ।

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नेहरू जी, गाँधी जी को विशेष प्रिय थे । वे कई बार कांग्रेस के अध्यक्ष मनोनीत किए गए । स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने । उनके प्रधानमंत्रित्व काल में देश ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की । उन्होंने देश की खस्ताहाल आर्थिक दशा को नियंत्रित किया । राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध करवाए ।

उन्होंने औद्‌योगिक विकास हेतु नई-नई योजनाएँ प्रारंभ कीं । उनके कुशल नेतृत्व की सराहना आज भी की जाती है । इन्हीं कारणों से उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है । ‘ आराम हराम है ‘ का प्रसिद्‌ध नारा नेहरू जी का ही दिया हुआ है ।

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नेहरू जी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ ही एक अच्छे लेखक एवं वक्ता भी थे । उनकी लिखी हुई अनेक पुस्तकें आज भी प्रचलित हैं । अपनी जेल यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘ मेरी कहानी ‘ लिखी जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न चरणों का सटीक वर्णन है । उन्हें फूलों से बहुत लगाव था । विशेषकर गुलाब के फूल उन्हें बहुत प्रिय थे । बच्चों से तो वे बेहद प्यार करते ही थे तभी बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू के नाम से संबोधित करते थे ।

1962 ई॰ में हुए भारत पर चीन के आक्रमण को उनके कुशल नेतृत्व में विफल कर दिया गया । परंतु इसके दो वर्ष पश्चात् ही सन् 1964 ई॰ में 27 मई को उनका निधन हो गया । पं॰ जवाहर लाल नेहरू एक आदर्श नेता, सच्चे देशभक्त तथा विद्‌वान पुरुष थे । उन्होंने तन-मन-धन को देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया । वे सदैव इसी प्रयास में रहते थे कि किस प्रकार देश को प्रगति की दिशा में ले जाया जाए ।

देश को स्वतंत्र कराने में उनका योगदान जितना महत्वपूर्ण था उतना ही योगदान आधुनिक भारत के निर्माण में था । राष्ट्र के प्रति उनके अतुलनीय योगदान के लिए हमारा देश सदैव उनका ऋणी रहेगा ।