Tag Archives | Civics

समान नागरिक संहिता में बाधक तत्व पर निबन्ध |Essay on Obstacles in Uniform Civil Code in Hindi

समान नागरिक संहिता में बाधक तत्व पर निबन्ध |Essay on Obstacles in Uniform Civil Code in Hindi! माननीय उच्चतम न्यायालय ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 118 को असंवैधानिक घोषित करते हुए विभिन्न पंथों, सम्प्रदायों तथा धर्मावलम्बियों पर लागू होने वाले व्यक्तिगत कानूनों में एकरुपता तथा स्पष्टता लाने को अपरिहार्यता पर जोर देते हुए विधायिका को याद दिलाया है कि [...]

By |2015-12-19T10:34:29+05:30December 19, 2015|Civil Code|Comments Off on समान नागरिक संहिता में बाधक तत्व पर निबन्ध |Essay on Obstacles in Uniform Civil Code in Hindi

भारत-चीन संबंध पर निबन्ध | Essay on Indo-China Relationship in Hindi

भारत-चीन संबंध पर निबन्ध | Essay on Indo-China Relationship in Hindi! भारत व चीन एक लम्बी अवधि से एक-दूसरे को सामरिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक दृष्टि से पीछे करने के लिए प्रयत्न करते आ रहे हैं तथा एशिया में अपने वर्चस्व को लेकर उलझ रहे हैं । आज के राजनीति में चल रहे संक्रमण काल में भारत-चीन संबंधों की नई पहल [...]

By |2015-12-19T10:34:29+05:30December 19, 2015|India|Comments Off on भारत-चीन संबंध पर निबन्ध | Essay on Indo-China Relationship in Hindi

संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर निबन्ध | The Relevance of the United Nations in Hindi

संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर निबन्ध | The Relevance of the United Nations in Hindi! संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात भावी पीढ़ियों को युद्ध की विभीषिका से बचाने के लिए की गई थी । इस संस्था का मूल उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय शाति बनाए रखने के लिए देशों के क्रिया-कलापों में समरसता लाना और सभी समस्याओं व विवादों [...]

By |2015-12-19T10:34:29+05:30December 19, 2015|Essays|Comments Off on संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर निबन्ध | The Relevance of the United Nations in Hindi
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