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भिक्षावृत्ति पर निबंध | Essay on Beggary in Hindi

भिक्षावृत्ति पर निबंध | Essay on Beggary in Hindi! 'वृत्ति' शब्द का प्रयोग स्वभाव और आजीविका दोनों अर्थों में किया जाता है । भिक्षावृत्ति के संदर्भ में इस का अर्थ भिक्षा के द्वारा अपना भरण-पोषण करने से ही है । कविवर घाघ ने भिक्षावृत्ति को भरण पोषण का अन्तिम साधन बताते हुए कहा है: उत्तम खेती मध्यम वान । निषद [...]

By |2015-10-20T14:02:58+05:30October 20, 2015|Beggar|Comments Off on भिक्षावृत्ति पर निबंध | Essay on Beggary in Hindi

भिक्षावृत्ति | Beggary in Hindi

भिक्षावृत्ति  | Beggary in Hindi! विश्व में एकमात्र भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ भिक्षा लेना अथवा माँगना एक उचित कर्म माना जाता है तथा भिक्षा देना एक परम कर्तव्य की श्रेणी में आता है । परिव्राजक या संन्यासी अथवा गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्‌यार्थी द्‌वार-द्‌वार भीख माँगा करते थे तथा दिन में जो कुछ प्राप्त होता [...]

By |2015-10-15T07:16:53+05:30October 15, 2015|Beggar|Comments Off on भिक्षावृत्ति | Beggary in Hindi

भिखारी की आत्मकथा पर निबंध | Essay on Autobiography of a Beggar in Hindi

भिखारी की आत्मकथा पर निबंध | Essay on Autobiography of a Beggar in Hindi! ''बाबूजी! एक रोटी मिल जाए । बहुत भूखा हूँ ।'' दिसंबर का महीना था । कड़ाके का जाड़ा पड़ रहा था । धूप में बैठना अच्छा लगता था । मैं सूर्य की ओर पीठ कर अपने दरवाजे के पास कुरसी पर बैठा समाचार-पत्र पढ़ रहा था [...]

By |2015-10-10T17:14:37+05:30October 10, 2015|Beggar|Comments Off on भिखारी की आत्मकथा पर निबंध | Essay on Autobiography of a Beggar in Hindi
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