आधुनिक युग में कम्प्यूटर की भूमिका पर निबन्ध | Essay on The Role of Computers in Modern Life in Hindi!

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कम्प्यूटर विद्युत द्वारा चालित यंत्र है । मानव मस्तिष्क की भांति कार्य करता है । और तीव्रगति से परिणामों को प्रस्तुत करता है । कम्प्यूटर की मूल विशिष्टता यह है कि यह अपने अंदर भरी सामग्री, का कार्यक्रम के निर्देशो द्वारा प्रदान करता है ।

बड़ी-बड़ी संख्याओं की गणना कम्प्यूटर चंद सेकण्ड में ही कर देता है । अंतरिक्ष पर मानव विजय तथा चन्द्रमा की यात्रा और वहाँ से वापस लौटने के पीछे कम्प्यूटरों का विशेष योगदान रहा है। 1944 में प्रोफेसर हॉवार्ड एकिन्स और उनके दल ने अमरीका के हॉवर्ड विश्वविद्यालय में प्रथम कम्प्यूटर का निर्माण किया था ।

इस आविष्कार के लगभग पांच दशकों के अंदर सम्पूर्ण विश्व कम्प्यूटर क्रांति से प्रभावित हो गया है । कम्प्यूटर मानव बुद्धि से अधिक योग्य माने गए हैं, क्योंकि वे तथ्यों के संकलन और गणना में अधिक तीव्र होते हैं । जिस गणना को करने में मनुष्य महीनों लगा सकता है उसे वे कुछ ही सैकण्डों में कर सकते है ।

कुछ शोध कर्ता यह मानते है कि अब ऐसा कुछ भी नहीं रह गया हैं जोकि मानव बुद्धि कर सकती है परन्तु कम्प्यूटर नही कर सकता । न्यूयार्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राबर्ट के अनुसार 1995 के आसपास तक कम्प्यूटर बुद्धि मानव बुद्धि से श्रेष्ठ सिद्ध हो जाएगी ।

कम्प्यूटर विनाशकारी सिद्ध होगा अथवा सहजकारी? इस प्रश्न का उत्तर एक वरिष्ठ विचारक ने देते हुए कहा है कि कम्प्यूटर मानव जाति के लिए घातक सिद्ध नहीं होगा, यदि उसका प्रयोग नैतिक विषयों से संबंधित समस्याओं के सुलझाने के लिए न किया जाए ।

मानव मस्तिष्क की कुछ महत्वपूर्ण प्रवृतियाँ जैसे ‘स्व’ की भावना, नैतिक मूल्य, भाव संवेदना, धार्मिक विचार, जिज्ञासा और समाधान आदि कम्प्यूटर में नही पैदा हो सकती है । लेकिन गांधी नगर, गुजरात में निर्मित एक कम्प्यूटर ईश्वर के अस्तित्व संबंधी प्रश्नों के उत्तर दे सकता है ।

इंगलैड के प्रत्येक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कम से कम एक माइक्रो कम्प्यूटर है । अमरीकी विद्यालय भी कम्प्यूटर संचालन में रूचि ले रहे है । यहाँ तक कि आरंभिक कक्षाओं के विद्यार्थी भी कम्प्यूटर को चलाने में सक्षम हैं ।

भारत में भी कम्प्यूटरों का प्रयोग तथ्यों की सूची बनाने, अपराधों और अनेक स्रोतों के संग्रह के लिए किया जाता है । वैयक्तिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले कम्प्यूटरों के निर्माण कार्य से जुड़ी संस्थाएँ अमरीका की एपल और इंग्लैंड की सिन्क्लेयर प्रतिष्ठित है ।

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भारत में अपने प्रचार के लिए वे कठिन प्रयास कर रही है । जेब में रखे जाने वाले मिनी कैलकुलेटर भारतीय व्यवसायिकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों में लोकप्रिय हो गए हैं । कम्प्यूटर को यदि साधारण टेलीविजन से जोड़ दिया जाए तो वह मौनीटर बन जाता है, जिसमें भरी गई सामग्री दिखाई देती है ।

इन 50 वर्षो में कम्प्यूटर की तकनीक में अद्वितीय प्रगति हुई है । इसके कारण कार्य प्रणालियों में क्रांतिकारी परिवर्तन आ गया है, जिससे समय और धन की बचत होती है । कोई भी क्षेत्र ऐसा नही है, जहाँ कम्प्यूटर के सहयोग की आवश्यकता नहीं होती है । मनुष्य के भावी जीवन क्य निर्माण कम्प्यूटर से ही संभव है । लेकिन कम्प्यूटर से कुछ हानियाँ भी है । कम्प्यूटर पर निर्भर रहने से मानव मस्तिष्क की क्षमता क्षीण हो जाएगी ।

कुछ लोगों की मान्यता है कि कम्प्यूटर के अगमन से जीविका की ओर अधिक राहें खुलेंगी । जबकि कुछ क्य मत है कि कम्प्यूटर लोगों से उनकी आजीविकाएँ छीन लेगा । उनका नारा है, ‘कम्प्यूटरों को फेंक दो, नहीं तो वह तुम्हें फेंक देगा ।’ कम्प्यूटरों का प्रयोग सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में होता है । इनकी सहायता से अधिक उत्पादन और कम लागत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है ।

इस बात में कोई संदेह नही है कि कम्प्यूटरों के प्रयोग से तत्काल कुछ लोगों से जीविकाएं छिन जाएँगी, लेकिन अधिक उत्पादन से अर्थव्यवस्था में विस्तार आएगा जिससे उनके साथ-साथ अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार प्राप्त होगा ।

कुछ विचारक कम्प्यूटरों के इतने तेजी से विकास को मानवजाति के लिए सार्थक नहीं मानते हैं । उनके मत है कि कम्प्यूटर के अधिक प्रयोग से मनुष्य छोटी सी गणना करना भी भूल जाएगा । कम्प्यूटर से लाभ अधिक है अथवा हानियाँ अधिक हैं, इन सब मतों से परे कम्प्यूटर का प्रसार प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । यह तो समय की माँग है जिसे रोकना असंभव है ।

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