ईद-उल-फितर पर निबंध | Essay on Eid-ul-Fitr!

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ईद मुस्लमानों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है । मुसलमानों के बारह महीनों में एक महीने का नाम रमजान है । रमजाने का महीना बड़ा ही पवित्र माना जाता है । इस्लाम धर्म में पवित्र रमजान के पूरे महीने रोजे अर्थात् उपवास रखने के बाद नया चांद देखने के अवसर पर ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है । यह रोजा तोडने के त्योहार के रूप में भी लोकप्रिय है । यह त्योहार रमजान के अंत में मनाया जाता है ।

मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए यह अवसर भोज और आनंद का होता है । फितर शब्द अरबी के ‘फतर’ शब्द से बना । जिसका अर्थ होता है टूटना । फितर शब्द का एक अन्य अर्थ भी होता है जो फितरह शब्द से निकलता है । जिसका अर्थ होता है भीख । अन्य इस्लामी त्योहारों की तरह रमजान एक दिन विशेष पर नहीं आता है । यह इस्लामी केलेंडर का नौवां महीना होता है । इस प्रकार यह पूरा माह ही त्योहारों की तरह होता है । इबादत या प्रार्थना, भोजन और मेल-मिलाप इस त्योहार की प्रमुख विशेषता है ।

इस दिन की रस्मों में सुबह सबसे पहले नहाना, नए कपड़े पहनना,सुगंधित इत्र लगाना, ईदगाह जाने से पहले खजूर खाना आदि मुख्य है । आमतौर पर पुरुष सफेद कपड़े पहनते है । सफेद रंग पवित्रता और सादगी का प्रतीक है । इस पवित्र दिन पर बड़ी संख्या में मुस्लिम अनुयायी सुबह जल्दी उठकर ईदगाह, जो ईद की विशेष प्रार्थना के लिए एक बड़ा खुला मैदान होता है, में इबादत ओर नमाज अदा करने के लिए इकट्ठे होते हैं ।

नमाज से पहले सभी अनुयायी कुरान में लिखे अनुसार, गरीबों को अनाज की नियत मात्रा दान देने की रस्म निभाते हैं । जिसे फितर देना कहा जाता है । फितर या एक धर्मार्थ उपहार है, जो रोजा तोडने के उपलब्ध में दी जाती है । इसके बाद इमाम द्वारा ईद की विशेष इबादत और दो रकत नमाज अदा करवाई जाती है । ईदगाह में नमाज की व्यवरथा इस त्योहार विशेष के लिए होती है । अन्य दिनों में नमाज मरिजदों में ही अदा की जाती है ।

ईद खुशी का दिन है । यह हमें मिल-जुलकर रहना सिखाती है । ईद की यह शिक्षा ग्रहण कर लेने पर जीवन और भी आनन्दमय हो जायेगा।

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