Hindi Story on Anger of the Bear (Written in Hindi Language)!

भालू का क्रोध |

एक बार एक भालू बहुत प्रसन्न मुद्रा में जंगल में घूम रहा था । उसे जिस भोजन की तलाश थी, वह था शहद । भालू को यह भी मालूम था कि उसे शहद कहा मिलेगा । उसने अपना थूथन उठाया, कुछ सूंघा और फिर एक ओर चल पड़ा ।

परंतु जैसे ही वह शहद वाले स्थान पर पहुचा, एक मधुमक्खी उड़ती हुई आई और उसने भालू को डंक मार दिया । इससे भालू क्रोधित हो उठा और उसने पेड़ पर चढ़कर एक ही थूथन में शहद का छत्ता गिरा दिया । मधुमक्खियां शहद इकट्ठा करने में जुटी थीं ।

इस अचानक हसले से वे भौचक्की रह गईं । मगर जल्द ही उन्हें भालू की करतूत का पता चल गया । फिर क्या था वे हजारों की संख्या में भालू पर टूट पड़ी और उसे डंक मारने लगीं । भालू बेचारा अधमरा-सा हो गया । वह अपनी मूर्खता पर पश्चाताप करने लगा ।

जब मधुमक्खियां चली गईं तो वह खुद को धिक्कारने लगा : ‘मैं भी कितना मूर्ख था । निर्दोषों को दण्ड दे रहा था । एक मधुमक्खी के काटने पर मैंने अपना क्रोध पूरे छत्ते पर निकाला । यदि मैं चुपचाप आगे बढ़ जाता तो मेरे शरीर में हजारों डंक नहीं चुभते !’

निष्कर्ष: एकता से बड़ी शक्ति को भी परास्त किया जा सकता है ।

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