Hindi Story on the Reindeer with One Eye!

एक आंख वाला बारहसिंगा |

एक बारहसिंगा था । उरसकी केवल एक ही औख थी । एक आख होने के कारण उसके साथ समस्या यह थी कि दूसरी ओर क्या हो रहा है, इसका उसे पता नहीं चलता था । चूंकि वह केवल एक ओर से ही अपनी सुरक्षा कर सकता था, इसलिए वह सदा ही डरा रहता ।

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उसे लगता कि कोई न कोई खतरा हर समय उसके सिर पर मंडराता रहता है और इत्तफाक ही है कि मैं आज तक बचता आया हूं । वह जब भी जंगल में चर रहा होता तो अकसर भूखा ही रहता, क्योंकि जरा सी आहट पर ही वह भाग खड़ा होता था ।

अत: इस समस्या से बचने के लिए उसने एक उपाय खोज निकाला । वह नदी के किनारे-किनारे घूम कर घास चरने लगा । उसने अपना चेहरा इस प्रकार रखा था कि उसकी बंद औख नदी की ओर रहे । उसका विश्वास था कि इस प्रकार वह मैदानी इलाके की ओर निगाह रख सकेगा और शिकारियों आदि के हमले से खुद को सुरक्षित रख पाएगा ।

जहां तक नदी की ओर से खतरे का प्रश्न था, तो उसका विचार था कि इधर से उस पर कोई हमला नहीं हो सकता । मगर कहते हैं कि मृत्यु जब आती है तो चाहे उसे रोकने की लाख कोशिश की जाए मगर वह रुकती नहीं ।

परंतु उसका विचार गलत था । कुछ शिकारियों ने, जो नावों में यात्रा कर रहे थे, उसे घास चरते देख लिया, बारहसिंगा उन्हें नहीं देख सका । बस, एक शिकारी ने तीर चलाया, जो बारहसिंगे की गरदन से पार हो गया । मरते हुए बारहसिंगे ने शिकारियों को देखा और सोचने लगा : ‘जिस नदी की ओर से मैंने अपनी औखें फेर ली थीं, यह सोच कर कि वह सुरक्षित है, वही मेरी मृत्यु का कारण बनी ।’

निष्कर्ष: सभी ओर से सतर्क रहना चाहिए क्योंकि खतरा अक्सर ऐसे स्थानों से आता है, जिसे हम सुरक्षित समझते हैं ।

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