मेरा प्रिय शौक पर निबन्ध | My Favourite Hobby in Hindi!

प्रत्येक व्यक्ति अपने अनुसार अनेक प्रकार के कार्य करता है । विद्यार्थी पढ़ाई करता है किसान खेतों में काम करता है अध्यापक शिक्षा प्रदान करते हैं आदि-आदि । परंतु इन दैनिक कार्यों के अतिरिक्त हम लोग कुछ ऐसे कार्य करते हैं जिनसे हमें आनंद की प्राप्ति होती है ।

बिना लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से तथा स्वेच्छा से किए गए ये कार्य हमारे शौक कहलाते हैं । शौक या हॉबी रखने से हमारे जीवन में उत्साह और उमग का समावेश हो जाता है । बहुत से व्यक्तियों के अपने खास तरह के शौक होते हैं ।

पतंग उड़ाना नौकायन तैराकी शतरंज क्रिकेट आदि खेलने जैसे शौक हमें आनंदित करते हैं तथा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं । मेरा सबसे प्रिय शौक चित्रकारी है । जब भी मेरा मन होता है मैं पैंसिल से चित्र बनाने बैठ जाता हूँ ।

प्राकृतिक दृश्य मुझे बहुत आकर्षित करते हैं इन्हें मैं कागज पर उतारने की चेष्टा करता हूँ । एक दिन पिताजी ने मेरा शौक देखकर मुझे कूँची और रग लाकर दे दिया । फिर क्या था मेरा बाल मन उत्साहित हो गया । मैंने ढेर सारे चित्र बना डाले ।

इन चित्रों को मैंने बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय में प्रदर्शित किया । बहुत से लोगों ने मेरी कला की प्रशंसा की । तब मैंने विभिन्न स्थानों में चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लेना आरंभ किया । दो बार मुझे प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ ।

चित्रकारी के अलावा मुझे पतंगबाजी का भी शौक है । रंग-बिरंगे पतंगों को आसमान में देखकर मुझे बड़ा मजा आता है । जब मैं दूसरों के पतंग को अपनी पतंग से काटता हूँ तो विजय की सी अनुभूति होती है । मेरी यह भी चेष्टा रहती है कि मेरी पतग सबसे अधिक ऊँचाई पर उड़े ।

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परंतु मेरा यह शौक मेरे घरवालों को कभी-कभी परेशानी में डाल देता है । कारण यह कि पतंग उड़ाने की धुन में मैं कई बार खाना-पीना तक भूल जाता हूँ । तब घरवालों को किसी को भेजकर मुझे बुलवाना पड़ता है । कई बार पिताजी की फटकार भी सुननी पड़ती है परंतु शौक तौ शौक ही है ।

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कुछ दिनों बाद फिर से पतंगबाजी शुरू ! मुझे घूमने-फिरने का भी बहुत शौक है । जब भी अवसर प्राप्त होता है मैं अपने परिवार वालों के साथ किसी दर्शनीय स्थान की यात्रा करता हूँ । माँ एवं पिताजी को समय-समय पर मनाता रहता हूँ कि वे घूमने-फिरने का कार्यक्रम बनाएँ ।

विद्यालय की ओर से जब भी घूमने-फिरने या पिकनिक का कार्यक्रम बनता है मैं इसमें अवश्य शामिल होता हूँ । मुझे धार्मिक एव ऐतिहासिक स्थानों से कहीं अधिक प्राकृतिक स्थानों से लगाव है । जलप्रपात, बहुउद्देश्यीय बाँध, वन्य जीव अभयारण्य झील, झील, पहाड़ी स्थल, वादियाँ आदि मुझे बहुत आकर्षित करते हैं ।

घूमने-फिरने अथवा पर्यटन के कई लाभ हैं । इनसे हमें सीखने के अवसर प्राप्त होते हैं । मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धन भी होता है । प्रकृति का साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम होता है । सुंदर प्राकृतिक दृश्य हमारे मन में आशा का संचार करते हैं ।

इनसे हमें विभिन्न पशु-पक्षियों के जीवन में झाँकने का अवसर भी प्राप्त होता है । प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न कुछ शौक अवश्य रखना चाहिए । विभिन्न शौक हमारे जीवन की एकरसता खत्म कर हमारे अंदर जोश एवं उत्साह उत्पन्न करते हैं । शौक रचनात्मकता को उभारने में हमारी मदद करते हैं । ये हमारे खाली समय के सबसे अच्छे साथी हैं ।

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