बराक ओबामा पर निबंध | Essay on President of America-Barack Obama in Hindi!

ADVERTISEMENTS:

बराक ओबामा अमेरिका के नव-निर्वाचित ऐसे प्रथम राष्ट्रपति हैं जिनका जन्म एक साधारण काले परिवार में हुआ था । इस निर्वाचन ने यह सिद्ध कर दिया है कि अमेरिकी जनता के मन में अब रंगभेद को लेकर किसी प्रकार का विद्वेष शेष नहीं बचा है ।

यह पूरी दुनिया के लिए एक सुखद संदेश है । शायद यह मुख्य कारण है कि उनके निर्वाचन का पूरी दुनिया में स्वागत किया गया । कितना अद्‌भुत है कि वह देश जिसने शताब्दियों तक काले लोगों पर शासन किया, जिसने 1964 तक काले लोगों को मुक्त होकर मतदान का अधिकार प्रदान नहीं किया था, उसने इक्कीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में अपने लिए एक काले राष्ट्रपति का चयन किया ।

ओबामा के पिता केन्या के थे और माता टेक्सास की । इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी अमेरिका के युद्ध नायक जॉन मेकेन को पराजित कर ह्वाइट हाउस पर कब्जा जमाया । मध्यरात्रि को अपने विजयी भाषण में ओबामा ने इसका श्रेय देश की प्रणाली, समाज तथा जनता को दिया जिसने इस असंभव से लगने वाले कार्य को संभव बनाया ।

बराक ओबामा का जन्म 4 अगस्त, 1961 को हवाई में हुआ था । उन्होंने जकार्ता के मदरसे में आरंभिक शिक्षा पाई । फिर वे ननिहाल होनोलूलू चले गए जहाँ 1979 तक रहकर हाई स्कूल की परीक्षा पास की । फिर कोलंबिया विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की विशेषज्ञता के साथ राजनीति विज्ञान में बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की ।

उन्होंने 1988 में हार्वर्ड लॉ स्कूल में प्रवेश किया तथा 1990 में हार्वर्ड लॉ रिव्यू के प्रथम काले अध्यक्ष चुने गए । उन्होंने 1992 में माइकेल रॉबिन्सन से विवाह किया । उनकी मालिया ऐन और नताशा नामक दो पुत्रियाँ हैं । सन् 2004 में बराक ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका के सेनेटर चुने गए ।

10 फरवरी, 2007 को उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया गया । 5 नवंबर, 2008 को वे अमेरिका के प्रथम अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चयनित किए गए । उनके चयन से अमेरिका के इतिहास में एक नए युग का सूत्रपात हुआ ।

बराक ओबामा का प्रतिष्ठित ह्वाइट हाउस में प्रवेश उस समय हुआ है जबकि दुनिया कई प्रकार की पीड़ादायक परिस्थितियों का सामना कर रही है । संसार इस समय भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है । अमेरिका की तथाकथित मुक्त अर्थव्यवस्था में कई प्रकार की स्पष्ट दरारें नजर आ रही हैं ।

ईराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्यपूर्व में इजराइल-फिलीस्तीनी संघर्ष जैसी समस्याएँ अमेरिका के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं । इस समय जबकि राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के आठ वर्षों के विश्व को बदलने के प्रयास नाकाम सिद्ध हुए हैं बराक ओबामा का चयन निस्संदेह आशा की एक नई किरण लेकर आया है ।

ADVERTISEMENTS:

ADVERTISEMENTS:

अमेरिका इस समय 1979 के बाद की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है । अमेरिकी अर्थव्यवस्था की साख को पुनर्स्थापित करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी । इस चुनौती से निबटने के लिए ओबामा ने एक बड़ी योजना बनाई है । उन्होंने टिमोथी जेनर को अपना ट्रेजरी सेक्रेटरी और लारेंस सूमर्स को राष्ट्रीय आर्थिक परिषद् का निदेशक बनाया है । ओबामा ने अपनी आर्थिक टीम को अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छी योजना बनाने का निर्देश दिया है ।

ओबामा का कार्यकाल भारत के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है । अमेरिकी अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान के लिए ओबामा आउटसोर्सिंग को घटा सकते हैं तथा भारतीय-सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को दी जाने वाली वीजा में कमी ला सकते हैं । राष्ट्रपति ओबामा का कश्मीर के मामले पर नजरिया भी भारत के लिए चिंता की बात है ।

परंतु जिस तरह ओबामा ने मुंबई हमले पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया तथा भारत को हर प्रकार से समर्थन देने की बात की, उससे स्पष्ट है कि भारत को अमेरिकी समर्थन आगे भी प्राप्त होता रहेगा । सच तो यह है कि अमेरिका में ह्वाइट हाउस पर चाहे किसी का भी कब्जा हो वह भारत की आर्थिक शक्ति और क्षमता की अनदेखी नहीं कर सकता । आतंकवाद के मसले पर भारत और अमेरिका का दृष्टिकोण काफी हद तक समान है ।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि अमेरिकी जनता ने भारत को चयनित कर दूरदर्शिता का परिचय दिया है । ओबामा की जीत अमेरिकी जनता के उदार विचारों और विविध संस्कृतियों के बीच पर्याप्त तालमेल की ओर इशारा करती है ।

इसने 1963 के काले नेता मार्टिन लूथर किंग के उन मानवतावादी विचारों का समर्थन किया है जो दुनिया को यह संदेश देते हैं कि सभी मनुष्य बराबर हैं; उनके बीच जाति या रंग को लेकर किसी भी प्रकार का विभाजन नहीं किया जाना चाहिए ।

Home››India››President››