छात्रावास (Hostel) के विषय में माताजी को पत्र |

गुवाहाटी/परीक्षा भवन

18.4.2003

पूजनीया माताजी,

चरण कमलों में सादर प्रणाम ।

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मैं यहाँ ईश्वर की कृपा से अत्यंत सकुशल हूँ । आपकी कुशलता की आशा है । मुझे यहाँ पहुँचे कई दिन हो गए किन्तु व्यस्त (busy) रहने के कारण आपको पत्र लिखने का समय नहीं मिला । मुझे यहाँ विद्यालय के छात्रावास में जगह मिल गई है । भोजन तथा अन्य आवश्यकताओं की इस छात्रावास में बहुत अच्छी व्यवस्था है ।

प्रतिदिन प्रातःकाल (Morning) नाश्ते में एक गिलास दूध और मक्खन लगे टोस्ट मिलते हैं । आठ बजे तक स्नान करके विद्यालय के लिए पूरी तैयारी कर लेनी पड़ती है । साढ़े ग्यारह बजे भोजन कक्ष में उपस्थित होना पड़ता है और पुन: कक्षाओं के बाद शाम का नाश्ता तथा रात को भोजन करना होता है । इन सब का समय बिस्कूल निश्चित और नियमबद्ध है ।

इस छात्रावास में 300 विद्यार्थी हैं । शेष विद्यार्थी छात्रावास के दूसरे भाग में रहते हैं । यहाँ विद्यार्थी समय पर पढ़ना-लिखना तथा खेलना-कूदना आदि हर कार्य करते हैं । कई छात्र मेरे अच्छे मित्र भी बन गए हैं और छात्रावास के गृहपति (Warden) से भी मेरी जान-पहचान हो गई है । आप मेरे विषय में किसी प्रकार की चिन्ता न करें । समय मिलते ही मैं फिर पत्र लिखूँगा । पिताजी को मेरा चरण स्पर्श ।

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आपका प्रिय पुत्र

‘क’

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