एक हॉकी मैच पर अनुच्छेद | Paragraph on A Hockey Match in Hindi

प्रस्तावना:

मेरे स्कूल में हॉकी के लिए एक बड़ा अच्छा मैदान है, जो शहरभर में प्रसिद्ध है । स्थानीय टूर्नामेन्टों के सभी फाइनल मैच इसी मैदान पर खेले जाते हैं । पिछले वर्ष 20 नवम्बर को यूथ रैली का फाइनल हॉकी मैच हमारे स्कूल तथा सरदार स्मारक स्कूल के बीच यहीं खेला गया । दोनों ही टीमें बडी मशहूर थीं । श्री कमलसिंह राणा और श्री एम.एन. शर्मा रेफरी नियुक्त किए गए ।

दर्शकों का वर्णन:

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मैं अपने कुछ साथियों के साथ इरा मैच को देखने गया । उस दिन मैच की दृष्टि से बडा अनुकूल मौसम था । खेल त्हे मैदान के वारों ओर बडी संख्या में विद्यार्थी एकत्र हो गए । दोनों स्कूलों के प्रिंसिपल तथा अध्यापक एक तख के नीचे बैठे । वहीं निमंत्रित मेहमानों के लिए भी कुर्सियों का इंतजाम था । खिलाड़ी और

उनकी वर्दी:

दोनों ही टीमें साढ़े तीन बजे मैदान में प्रविष्ट हुई । हमारे स्कूल के खिलाड़ी लाल यूनीफार्म में थे और पटेल स्मारक स्कूल के खिलाड़ी नीली यूनीफार्म पहने थे । सभी खिलाड़ी बड़े चुस्त दिखाई दे रहे थे । हम सभी उनके बीच एक अच्छे मैच की आशा कर रहे थे ।

निष्ठा की शपथ:

मैच प्रारभ होने से पूर्व सभी खिलाड़ियों ने निष्ठा की शपथ ली । ठीक चार बजे मैच प्रारभ हुआ । दोनों ही कैप्टन बीच मैदान में बुली खेलने लगे । हमारे कैप्टन ने बाल हथिया ली । कुछ ही क्षणों में मैच पूरे जोश से खेला जाने लगा ।

मध्यांतर के पूर्व का मैच:

प्रारंभ से ही खेल बड़ा आकर्षक था । पटेल स्मारक स्कूल की टीम ने हमारी टीम पर भारी दबाव डाला और आक्रमण की स्थिति में आ गए । हमारे खिलाडी भी कम नहीं थे । वे जल्दी ही सम्भल गए और हमले को विफल कर दिया ।

हमारे स्कूल के खिलाडियों के बीच सही तालमेल तथा टीम-भावना ने इसमें बड़ी मदद की । अब वे आगे बढ़कर विरोधियों पर दबाव डालने लगे । हमारे फार्वर्ड खिलाड़ी बड़ी कुशलता से विरोधी खिलाडियों को चकमा देते और एक-दूसरे खिलाड़ी को पास देते हुए आगे बढ़ते गए ।

अब पटेल स्मारक स्कूल की टीम रक्षात्मक खेल खेलने पर मजबूर हो गई । इसी बीच हमारी टीम को एक कॉर्नर किक गिनी लेकिन कोई गोल न हो सका, क्योंकि रेफरी ने फाउल करार दे दिया था । इतने मे रेफरी ने मध्यांतर की सीटी बजा दी । अब तक कोई टीम गोल न कर सकी थी ।

मध्यांतर:

मध्यांतर पंद्रह मिनट का था । इस बीच खिलाड़ियों ने कुछ आराम किया और अपने हाथ पैर सीधे किए । उन्हें कुछ हल्का नाश्ता और फल दिए गए । दोनों ही कौटन आपस में मजाक करते रहे । उन्होंने इस दौरान अपनी टीम के खिलाड़ियों को छ: निर्देश भी दिए और दो-एक खिलाडियों के स्थान में परिवर्तन कर दिया । इतने में रेफरी की लम्बी सीटी बज गई और खेल पुन: शुरू हो गया ।

मध्यांतर के बाद का खेल:

मध्यांतर के बाद खेल और अधिक उत्साह से प्रारंभ हुआ । शुरू से ही खेल में बड़ी तेजी और उत्तेजना दिखाई दी । अपनी टीम के खिलाडियों की कुछ सुस्ती पर हमारा कैप्टन नाराज हुआ और उन्हें जान लड़ा कर खेलने को उकसाया ।

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अब हमारी टीम आगे बढ़कर आक्रामक रुख दिखाने लगी । वे हवा की तेजी से बढ़ रहे थे । हमारे कैप्टन के हाथ बाल आते ही वह बिजली की तेजी से आगे बढ़ने लगी । कोई खिलाड़ी उसके निकट पहुंच कर बाल नहीं रोक सका ।

एक क्षण में ही वह विरोधी टीम की ‘डी’ के भीतर थी और देखते ही देखते उसने बाल को गोल में पहुंचा दिया । विरोधी गोलकीपर मुँह ताकता रह गया । एक गोल से हारने के बाद विरोधी टीम ने हमारी टीम पर गोल करने की भरसक कोशिश की । वे बड़ा उत्तेजक खेल खेलने लगे और उन्होंने हर प्रकार के खतरे उठा कर आक्रमण पर आक्रमण किए ।

लेकिन हमारी टीम को छकाना बड़ा कठिन था । इसी बीच हमारी टीम के इनसाइड राइट खिलाड़ी काका ने फारवर्ड खिलाडी रविमोहन को पास दिया और रविमोहन ने एक हल्की-सी किक से दूसरा गोल कर दिया । मैदान के चारो ओर से खूब तालियाँ बजीं । अब पटेल स्मारक स्कूल दो गोलों से पिछड़ा हुआ था ।

टीम के खिलाडियों का हौसला पस्त होता दिखाई दिया । लेकिन विरोधी कैप्टन ने उनका उत्साह बढ़ाया । इसलिए अंतिम क्षणों में मैच बड़ा उत्तेजक हो गया । हमारे हाफ बैकों की रक्षा पंक्ति कायम रही और उन्होंने बॉल को अपनी ‘डी’ रेखा से बराबर दूर रखा । इससे विरोधी बड़े तिलमिलाये । अब वे खिसियाने लगे थे और फाउल-पर-फाउल कर रहे थे । इतने में रेफरी की लम्बी सीटी बजी और मैच समाप्त हो गया ।

उपसंहार:

पटेल स्मारक स्कूल की टीम दो गोलों से हार गई । हम अपनी जीत पर हर्ष से पागल हो उठे । प्रिंसिपल ने उठकर हमारे कैप्टन की पीठ थपथपाकर शाबासी दी और विरोधी कैप्टन को अच्छे खेल प्रदर्शन के लिए बधाई दी ।

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