ग्रामीण मेला पर अनुच्छेद | Paragraph on Village Fair in Hindi!

भारत गाँवों का देश है । ग्रामवासी अपने मनोरंजन एवं घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ग्रामीण मेले का आयोजन करते हैं । ये मेले किसी धार्मिक त्योहार या फसल कटाई जैसे अवसरों पर लगा करते हैं । यहाँ निकटवर्ती गाँवों के लोग बड़ी संख्या में आते हैं । कुछ लोग सपरिवार बैलगाड़ी, ट्रैक्टर-ट्रॉली या ताँगे पर आते हैं । ग्रामीण मेले प्राय: किसी धर्मस्थान, तालाब या पहाड़ के निकट लगते हैं । यहाँ हस्तशिल्प से संबंधित विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीद-बिक्री होती है । झूलेवाले, मिठाईवाले, खिलौनेवाले, गुब्बारेवाले आदि यहाँ बहुत आते हैं । कहीं सीटी बजती है तो कहीं मुरली; कहीं कुश्ती होती है तो कहीं हुड़दंग । होल-नगाड़े भी खूब बजते हैं । सपेरे और जादूवाले ग्रामीणों को बहुत आकर्षित करते हैं । बच्चों के हाथों में सीटी-गुब्बारा तो बड़ी के होंठों पर पान की लाली दिखाई देती है । ग्रामीण मेले में आकर हर कोई बहुत प्रसन्न दिखाई देता है ।

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