प्रस्तावना:

ऐसा लगता है कि ईश्वर ने सृष्टि की रचना में जो वस्तुयें बनाई है, वे सभी अत्युत्तम ढंग से एक-दूसरे से ऐसी बंधी है कि वे अपनी आपसी सुरक्षा के लिए अपना-अपना अंशदान प्रदान कर सकें ।

बालू, चट्‌टानों और मिट्‌टी से बनी पृथ्वी, उसके गर्भ में स्थित धातु, अगरक और अनेक प्रकार के लवणों मे सेमी प्रकार के तत्व है । वृक्ष, पेड़-पौधे, जडी-बूटियाँ गैर सभी प्रकार की वनस्पतियों को अपनी खुराक पृथ्वी से ही मिलती है, जबकि पशु इन्ही वनस्पतिक पदार्थो पर निर्भर करते हैं ।

जीवन प्रतिरक्षण चक:

पृथ्वी पौधों का पोषण करती है और पौधे कीटों, पक्षियों तथा जंगली पशुओं को पोषित करते हैं । दूसरी ओर मृत पशु गिद्ध का भोज्य बनते है और मृत गिद्ध कीटों का । मृत कीट पौधों की खाद बनते हैं और वृक्ष अपनी आयु पूरी करके पुन: पृथ्वी में समा जाते हैं ।

मनुष्य जो इन सभी वस्तुओं को अपने काम मे लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहता है, अन्तत इन्ही का शिकार बनता है, अर्थात् मरने पर इसी में लीन हो जाता है । यह एक ऐसा चक्र जिसमे सभी वस्तुएं अपनी-अपनी ऐसी भूमिका अदा करती हैं, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि वे एक-दूसरे के लिए ही बनी थीं ।

पशुओं से लाभ:

पशुओं से मनुष्य को अनेक लाभ मिलते हैं । घोड़े गाडियां खींचते है । इस पर सवारी भी की जाती है और बोझा ढोने के काम आते है । कुछ देशों में घोडों से हल भी चलाया जाता है । गधों और खच्चरों से भी बोझा ढोया जाता है । इन्हे लद्दू पशु कहा जाता है । जिन जगहों में रेगिस्तान या लम्बे रेतीले मैदान होते हैं, वही यह काम ऊँट से लिया जाता है ।

भेड़ से हमें ऊन मिलता है, जिससे ऊनी कपड़े बनाए जाते हैं । इसकी खाल से चर्मपत्र बनता है, जिस पर लिखा जा सकता है और इसके चमड़े की पुस्तकों पर जिल्द चढ़ाई जाती है । बैल हल चलाते हैं और गाडियाँ खींचते हैं ।

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उनकी खाल को पकाकर चमड़ा तैयार किया जाता है, जिससे जूते और तरह-तरह की वस्तुयें तैयार होते हैं । गाय हमें दूध देती है जिससे दही, मक्खन और खोया बनता है । दूध को फाड़कर पनीर बनाया जाता है । मधुमक्खी से हमें शहद और मोम मिलता है ।

अनेक पशुओं का मांस कुछ लोग खाने के काम में लाते हैं । तटीय क्षेत्रो में मछली बड़े चाव से खाई जाती है । मेमने, कुत्ते, बिल्ली और खरगोश की खाल से हाथों के दस्ताने, पर्स तथा अन्य अनेक फैन्सी वस्तुयें बनाई जाती हैं । ऊँट के बालों से शालों तथा बेशकीमती महिलाओ के वस्त्रों को बनाने के लिए बढिया किस्म का महीन ऊनी कपड़ा तैयार किया जाता है ।

छोटे पशुओं और जन्तुओं से लाभ:

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मुर्गियां हमें अण्डे देती हैं । उनका मांस बड़े चाव से खाया जाता है । कुत्ते हमारी रखवाली करते हैं तथा शिकार में मदद देते हैं । मुर्गा बांग देकर हमें प्रात: काल जगाने का काम करता है । कोयल की कूक हमें आनन्दित करती है और बुलबुल का मधुर स्वर हमारे मन को मोह लेता है ।

मेमनों और बछडों को किलोल करते देखकर किसका मन खुशी से झूम नहीं उठता । पानी मे तैरते बत्तख और नाचते मोरों को देखते ही बनता है । रेशम के कीड़े हमारे सुन्दर रेशमी वस्त्रों के लिए कोयों का निर्माण करते हैं । मधुमक्खियां हमारा प्रिय शहद एकत्र करती हैं । अंधेरी रात मे जुगनू की चमक हमें प्रकाश देती है ।

उपसंहार:

जिन कीटों को हम तिरस्कार की नजर से देखते हैं, वे हमारे लिए बड़े उपयोगी है । इन सबके लिए हमें सृष्टिकर्ता का कृतज्ञ होना चाहिए ।

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