विज्ञान की उपयोगिता पर अनुच्छेद | Paragraph on Blessing of Science  in Hindi

प्रस्तावना:

वर्तमान युग को विज्ञान का युग कहा जाता है । विज्ञान ने हमारा समूवा जीवन बदल दिया है । प्राचीन काल में जिन बातो की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी, विज्ञान ने आज उन्हें सभव करके हम सबको चकित कर दिया है ।

आज विज्ञान की सहायता से मानव चाँद पर उतर चुका है और अन्य ग्रहों पर उतरने के प्रयास में लगा है । प्रकृति के अनेक रहस्यों को खोलकर विज्ञान ने मनुष्य के अनेक विश्वासों को झुठला दिया है ।

विज्ञान की उपयोगिता:

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विज्ञान ने मनुष्यों की बड़ी सेवा की है । विज्ञान की सहायता से मानव ने प्रकृति की अनेक शक्तियों को नियन्त्रित करके अपना दास बना लिया है । इसने मानव-जीवन को बड़ा सुगम और आरामदेह बना दिया है । वे कार्य जो सैकड़ों मनुष्य महीनों में आसानी से नहीं कर पाते थे, आज अकेला मनुष्य मिनटो में कर डालता है ।

विज्ञान ने बड़ी-बड़ी विशाल नदियों पर बाँध बना कर और पहाडों को काट-काट कर अपने लिए अधिक उपयोगी बना लिया है । समय और दूरी पर विजय प्राप्त करके विज्ञान ने सभी को एक-दूसरे के नजदीक ला दिया है ।

आवागमन के साधन:

आवागमन के तेज आरामदेह और सुलभ साधन विज्ञान की बड़ी उपयोगी देन हैं । मोटर वाहन रेलगाडियां तेज गति और सुरक्षित जलयान आदि सभी विज्ञान की देन हैं । आज हम ट्रेन द्वारा थोड़े समय में हजारों किलोमीटर की सुरक्षित और आरामदेह यात्रा कर सकते है । इन यात्राओं में न प्रकृति के प्रकोप और डाकुओं आदि का कोई भय होता है ।

इतना ही नहीं, आज विज्ञान की मदद से हम पक्षियों से भी अधिक गति वाले वायुयानो के द्वारा देश-विदेश की यात्रा कुछ घण्टों में ही पूरी कर सकते हैं । आवागमन के सुलभ साधन जुटा कर विभिन्न देशो के बीच संपर्क स्थापित करके विज्ञान ने मानवता की बड़ी सेवा की है । आज ध्वनि की गति से भी तेज रफ्तार के रॉकेटों का आविष्कार किया जा चुका है ।

संचार साधनो में क्रान्तिकारी परिवर्तन:

विज्ञान की एक प्रमुख देन सुगम संचार-साधन है । टेलीफोन, तार और बेतार के जरिये हम सैकेच्छों में संसार के किसी भी कोने में सीधा सम्पर्क कर सकते है । अपने घर में टेलीफोन घुमाकर हम अमेरिका या इंग्लैण्ड में बैठे किसी व्यक्ति से इतनी आसानी से बातचीत कर सकते हैं, मानो किसी पड़ोसी से बात कर रहे हों । इससे वाणिज्य और व्यापार की बड़ी उन्नति हुई है । आज कहीं भी संसार के किसी भी भाग में बनी वस्तु संचार साधनों के कारण सुलभ हो गई है ।

बिजली का आविष्कार:

विज्ञान की एक बड़ी देन बिजली का आविष्कार है । बिजली की सहायता से हम घरों और सडकों को प्रकाशित करते है । बटन दबाते ही घर जगमगाने लगता है । इसकी मदद से हम घरों और दुकानों आदि में आसानी से पंखों की हवा से गर्मी दूर कर सकते हैं ।

इससे कूलर तथा एयरकंडीशनर चलाये जाते हैं । जिनकी सहायता से भीषण गर्मी में भी हम शीतलता का आनन्द ले सकते हैं । इसने घर-घर में रेफ्रीजरेटर सुलभ करा दिए हैं, जिनसे हम जब चाहे शीतल पदार्थ और बरफ आदि पा सकते हैं ।

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बिजली के हीटरों से अपने कमरे गरम करके बड़ी आसानी से हम सर्दी भगा सकते हैं । इसके मूल्यों से हमारा खाना पकाया जा सकता है । इतना ही नहीं, बिजली से ट्रामगाड़िया, रेलगाड़ियां आदि चलती हैं । बिजली ने उद्योगों के लिए भी बड़े क्रान्तिकारी काम किये है । बिजली से चलने वाली बड़ी-बड़ी मशीनें हमारी सुविधा के लिए अनेक वस्तुयें बड़ी संख्या में आसानी से बना देती हैं ।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की देन:

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विज्ञान ने चिकित्सा के क्षेत्र में भी आश्चर्यजनक कार्य किये हैं और मनुष्य के कष्टो को दूर करने में प्रमुख भूमिका निभाई है । विज्ञान ने अनेक रोगों को रोकने के लिये टीकों का आविष्कार किया है । चेचक जैसी भीषण महामारी को ससार के पर्दे से दूर करने विज्ञान ने मानव की बड़ी सेवा की है ।

उनके ऐसे रोगों के इलाज ढूंढ लिए हैं, जिन्हें पहले मनुष्य प्रकृति या भगवान् का क्रोध समझता था । एक्स-रे के आविष्कार ने रोगों का पता लगाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है । इस तरह मनुष्य के कष्टों को दूर करने में विज्ञान मनुष्य की बड़ी सेवा कर रहा है ।

मनोरंजन के साधन:

विज्ञान ने मनुष्य के मनोरंजन के बड़े सस्ते और सुलभ साधन भी उपस्थित किये हैं । सिनेमा के आविष्कार से हम चंद रुपयों में बड़े अभूतपूर्व दृश्य और नाटक देख सकते हैं । रेडियो और टेलीविजन के आविष्कार ने घर-घर मनोरंजन के साधन उपलब्द करा दिये हैं । वी॰सी॰आर॰ के द्वारा हम अपने घरों में ही मनचाहे चलचित्रों को जब चाहे आसानी से देख कर प्रफुल्लित हो सकते हैं ।

उपसंहार:

निश्चय ही विज्ञान ने हमारी सुविधा, आराम और मनोरजन के अनेक साधन जुटाए हैं और रोगों पर विजय पाकर कष्टो को दूर किया है । लेकिन साथ ही विज्ञान ने विनाश के साधन भी कम नहीं जुटाये हैं । विनाशकारी बमो, तोपों, मिसाइलो आदि का आविष्कार करके विज्ञान ने मनुष्य के हाथ राक्षसी शक्ति को सौंप दी है ।

दूसरे विश्व-युद्ध की विनाशलीला विज्ञान की ही देन है । अणुबम का आविष्कार करके विज्ञान ने मानवता के समूल नाश का साधन भी सुलभ करा दिया है । सच तो यह है कि विज्ञान ने मनुष्य के हाथों में अपरिमित शक्ति सौंप दी है और अब यह मनुष्य का काम है कि उसे कल्याणकारी कामो में उपयोग करे अथवा विनाश के लिए ।

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