भारत-रत्न लोकप्रिय गोपीनाथ बरदले पर निबन्ध | Essay on Ratna Gopinath Bardaly in Hindi!

1. भूमिका:

भारत की आजादी के बाद असम के प्रथम मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने के बा दजिस प्रकार गोपीनाथ बरदलै जी ने राज्य का जीर्णोद्धार (Renovation) किया, लोगों में उत्साह और विकास की नयी चेतन(Conciousness) पैदा की, उसी के फलस्वरूप गोपीनाथ बरदलै जी आधुनिक असम के निर्माता और लोकप्रिय जनबन्धु के रूप में जाने गये ।

2. जन्म और शिक्षा:

बरदलै जी का जन्म सन् 1890 ई. में नगाँव जिले के रहा नामक स्थान पर हुआ  था । आपके पिता स्व बुद्धेश्वर बरदलै सरकारी चिकित्सालय में डॉक्टर थे । बचपन में ही उनकी माता का देहांत हो गया किन्तु पिता के प्यार और बहन की ममता की छाया में उनका बचपन बीता ।

गोपीनाथ जी की प्रारंभिक शिक्षा रहा में ही हुई थी । सन् 1907 में प्रवेशिका पास करने के बाद उन्होंने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से 1909 में आई.ए. (Intermediate of Arts) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की । इसके बाद कोलकाता के स्काटिश चर्च कॉलेज से बी.ए. और एम.ए. पास करने के बाद गुवाहाटी में सोनाराम हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक (Headmaster) बने और साथ ही कानून (Law) की परीक्षा भी उत्तीर्ण की ।

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3. कार्यकलाप:

सन् 1917 ई. में बरदलै जी ने वकालत आरम्भ की । इसी दौरान उनका विवाह स्व. भूमिकान्त मजिन्दर बरुवा की कन्या सुरबाला से हो गया । सन् 1921-22 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भाग लिया और पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिये गये ।

1926 में पांडू में हुए कांग्रेस के अधिवेशन (Session) के समय वे देश के बड़े नेताओं के सम्पर्क में आये । 1936-37 में वे राज्य के एसेम्बली के सदस्य निर्वाचित हुए । सन् 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन (Quit India Movement) में भाग लेने पर वे जेल भेज दिये गये । 1946 में वे फिर निर्वाचित (Elect) हुए और असम के प्रधानमंत्री बने । इसी समय अंग्रेजों ने असम को बंगाल से मिलाने की योजना बनायी जिसका विरोध बरदलै जी ने किया ।

स्वाधीनता के बाद गोपीनाथ बरदलै जी असम के प्रथम मुख्यमंत्री बने लेकिन इससे पहले 1932 में गुवाहाटी म्युनिसिपल बोर्ड के मेयर के रूप में उन्होंने गुवाहाटी में शिक्षा, सूचना तथा अन्य प्रकार की अनेक सुविधाएँ उपलब्ध कराई थी । मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने असम की आर्थिक उन्नति के लिए लगातार प्रयत्न किये । 5 अगस्त 9550 को असम के इस सपूत का निधन हो गया ।

4. उपसंहार

लोकप्रिय गोपीनाथ बरदले का वेकटितत्व (Personality) सरल (simple) प्रभावशाली (Influencing) था । उनके मन में किसी पद का लोभ नहीं वे सच्चे जनसेवक थे असम की उन्नति ही उनके जीवन का मुख्य उददेश्य (Purpose) था ।

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