महानगर गुवाहाटी पर निबन्ध | Essay on Guwahati City (Capital of Assam) in Hindi!

1. भूमिका:

प्राचीन काल का प्राग्ज्योतिषपुर (पूरब की ज्योति) ही लगभग आज का महानगर गुवाहाटी है । इसे पूर्वोत्तर भारत (North Eastern) का मुख्य द्वार कहा जाता है । ब्रह्मपुत्र के विशाल तट (Back) पर 216 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला महानगर चारों ओर से सुन्दर पहाड़ियों (Hills) से घिरा अत्यंत सुरक्षित किले (Fort) जैसा प्रतीत होता है । गुवाहाटी का अर्थ है ‘ताम्बूल का हाट’ (Market of betel nut) ।

इतिहास:

कहा जाता है कि पौराणिक काल (Epic Age) में इस नगर का निर्माण असुर (Demon) राजा नरकासुर ने कराया था । उसी ने कामाख्या मंदिर तक पैदल यात्रियों के लिए रास्ता भी बनवाया था । बाद में, अहोम राजाओं के शासन काल में उनकी राजधानी भले ही शिवसागर नामक स्थान पर रही, लेकिन गुवाहाटी का महत्त्व (Importance) उनके लिए भी बहुत अधिक था ।

मुगल शासक औरंगजेब की सेना से अहोम राजाओं के युद्ध गुवाहाटी में ही लड़े गए । अंग्रेज शासन काल में भी गुवाहाटी राजनैतिक और वाणिज्यिक (Political and Commercial) कार्यों का केंद्र (Centre) था ।

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विकास:

आज गुवाहाटी असम की राजधानी (Capital) बन चुका है । पहले जब असम की राजधानी शिलांग थी, तब भी अधिकतर सरकारी और व्यापारिक कार्य गुवाहाटी में ही हुआ करते थे । आज के गुवाहाटी महानगर में नाना प्रकार के उद्योग-धंधों में नूनमाटी में स्थित रिफाइनरी तथा व्यापारिक केंद्रों में दिसपुर स्थित चाय नीलामी केंद्र प्रमुख हैं ।

इनके अतिरिक्त उत्तर गुवाहाटी तथा कालापहाड़ तथा बामुनीमैदान क्षेत्र में नाना प्रकार के लघु उद्योग (Small Scale Industries) विकसित हैं । फैंसीबाजार, पान बाजार और पल्टन बाजार इन महानगर के प्रमुख व्यापारिक स्थल हैं । ब्रह्मपुत्र पर चलने वाले जलयान पर्यटन और विपणन (Marketing) के प्रमुख साधन हैं ।

ब्रह्मपुत्र पर बना शराईघाट नदी सेतु इस महानगर के साथ देश के अन्य भागों को जोड़ता है । यहाँ के दर्शनीय स्थलों में तारामंडल, पंजाबाड़ी स्थित बिड़ला विज्ञान केंद्र, हाईकोर्ट, दूरदर्शन केंद्र, उमानंद, कामाख्या, दौल गोविन्द, शुकेश्वर, नवग्रह, शरणीया पहाड़ी की चोटी पर बना गाँधीमंदिर, वशिष्टाश्रम आदि प्रमुख हैं ।

4. उपसंहार:

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आज महानगर गुवाहाटी केवल असम ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण पूर्वोत्तर तथा भारत के अन्य महानगरों के आकर्षण का केंद्र बनने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रहा है । देश के अन्य महानगरों के समान सुन्दर और व्यवस्थित (Well Managed) होने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति आदि सभी दृष्टियों से उन्नति की ओर अग्रसर है ।

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