चिकित्सक या डंकटार पर निबंध / Essay on Doctor in Hindi!

स्वस्थ्य मनुस्य का अमूल्य धन होता है । इसकी रख्या की जिम्मेदारी वायक्ति की होती है । परंतु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर उसे डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है । डॉक्टर उसे उचित दवा और सलाह देता है । डॉक्टर के निर्देशों के पालन से व्यक्ति धीरे- धीरे स्वस्थ होने लगता है ।

समाज में चिकित्सक का बहुत सम्मान होता है । उसका स्थान बड़ा होता है क्योंकि वह व्यक्ति को नया जीवन देता है । वह व्यक्ति और समाज को रोगमुक्त रखने में बहुत सहायता करता है । डॉक्टर चिकित्सा पद्धति का ज्ञाता होता है अत : वह रोगी को उचित सलाह देने में सक्षम होता है । वह बीमार व्यक्ति को न केवल दवा देता है अपितु उसे स्वस्थ दिनचर्या भी बताता है । वह स्वस्थ व्यक्ति को बताता है कि उसे किस प्रकार का आहार-विहार करना चाहिए जिससे कि वह बीमारियों से दूर रह सके ।

आधुनिक युग में शहरीकरण और प्रदूषण के कारण नए-नए रोगों का प्रकोप हुआ है । संक्रामक बीमारियों पर तो काबू पाया जा सका है लेकिन एड्‌स, कैंसर, मधुमेह, हृदय संबंधी बीमारियों और मानसिक तनाव से संबंधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया

है । तरह-तरह की बीमारियों के फैलने से चिकित्सकों की माँग भी बढ़ गई है । आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में निष्णात चिकित्सक पहले बीमारी का पता लगाते हैं फिर इलाज करते हैं । वे रोगी के मल-मूत्र, रक्त, धड़कन आदि की जाँच करते हैं ताकि बीमारी का उचित निदान किया जा सके ।

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आजकल बीमारी की जाँच के लिए माइक्रोस्कोप, स्टेथेस्कोप, एक्स-रे, ई. सी. जी, अल्ट्रासाउंड जैसे तकनीकी उपकरणों का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है ।

चिकित्सकों की माँग पूरी दुनिया में है । ये अस्पतालों एवं डिस्पेंसरियों में नियुक्त होते हैं । बहुत से चिकित्सक अपना निजी अस्पताल संचालित करते हैं । अस्पतालों में चिकित्सा की आधुनिक सुविधाएँ होती हैं जिनके उपयोग से डॉक्टरों को इलाज करने में बहुत मदद मिलती है । डॉक्टरों की सहायता के लिए अस्पताल में नसें होती हैं । नसें रोगी को दवा खिलाती हैं तथा उसकी देख- भाल करती हैं ।

चिकित्सक गर्भवती महिला को उचित सलाह देते हैं । वे जच्चे और बच्चे की सुरक्षा का उपाय करते हैं । वे नवजात बच्चे का टीकाकरण आरंभ करते हैं । वे दुर्घटना में घायल व्यक्ति का बचाव करते हैं । वे संक्रामक रोगों! के फैलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान चलाते हैं । वे गंभीर रोगियों को आपातकालीन कक्ष में भर्ती करते हैं तथा उनका गहन उपचार करते हैं । रोगी को अस्पताल में तब तक रखा जाता है जब तक कि उसकी तबियत ठीक न हो जाए ।

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चिकित्सक के व्यवसाय में मानवीय संवेदना का बहुत महत्त्व है । रोगी को दवा के साथ-साथ दुलार और हमदर्दी की भी आवश्यकता होती है । हमदर्दी का संबंध मन से है, जब मन को उचित खुराक मिलती है तो शरीर जल्दी स्वस्थ होता है । अत: चिकित्सक का यह दायित्व है कि वह रोगी का इलाज मानवीय संवेदना और हमदर्दी से युक्त होकर करे । वह मानसिक रोगियों के साथ सहानुभूति से पेश आए । वह केवल धन को ही नहीं, धर्म को भी देखे । धर्म व्यक्ति को पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा का अनुभव करने की सलाह देता है ।

चिकित्सा दिनों-दिन महँगी होती जा रही है । ऐसे में गरीब व्यक्ति अपनी उचित चिकित्सा करा पाने में असमर्थ होते हैं । चिकित्सकों को गरीबों की चिकित्सा के लिए तत्पर रहना चाहिए । उसका ध्यान रोगियों का जल्दी-जल्दी निबटाने के बजाय सही चिकित्सा की तरफ होना चाहिए । इन गुणों से युक्त चिकित्सक समाज में उचित सम्मान पाते हैं । बीमार व्यक्तियों का भी यह दायित्व है कि वे चिकित्सक की सलाह पर ध्यान दें और उनकी मेहनत को विफल न जाने दें ।

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