गरमियों में वर्षा का एक दिन पर अनुच्छेद | Paragraph on A Rainy Day in Summer in Hindi

प्रस्तावना:

गर्मियों में जब भीषण गरमी पड़ती है और भयंकर लू चलती है, तो आसमान में बादलों का टुकड़ा या वर्षा की फुहार का कौन स्वागत न करेगा ? यदि समय पर बरसात नहीं होती, तो लोग त्राहि-त्राहि कर उठते हैं और वर्षा के लिए पूजा-पाठ और यज्ञ करते हैं ।

वर्षा होने पर:

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गरमियों में बरसात का दिन बड़ी प्रसन्नता और आनन्द का दिन होता है । आसमान में काले बादल उठते देखकर मन प्रसन्नता से भर उठता है । इसके बाद ठंडी हवा के साथ बरसात की बूँदे सभी को बड़ी भाती हैं । जिस दिन प्रात:काल से ही बादल छाये होते हैं, लोग नदी या नहरों के तट पर घूमने और सैर करने का निकल पड़ते हैं ।

कुछ लोग कही बगीचे आदि के किनारे पिकनिक मनाने चल पड़ते है । झूले पड़ जाते हैं और महिलायें लम्बी-लम्बी पेगें मार कर झूलने लगती हैं । वे मधुर प्रेममय गीत गाती हैं । लोकगीतों का मधुर संगीत आसपास के सभी लोगों को सुहावना लगता है । बरसते पानी में नंग-धडंग या केवल जाघिया पहने बच्चे सड़कों पर निकल आते हैं या अपनी छतो पर चले जाते हैं ।

वे बरसात मे नहाते हैं और किलकारिया भरते हैं । कभी-कभी वे पानी से धुली धरती पर लोट लगाते हैं । नालियों में कल-कल बहते पानी की मधुर धुन हमारा मन लुभा लेती है । बहुत-से लडके बरसात के बहते पानी में कागज की नावे बनाकर तैराते है । इन नावो को तेजी से डूबते-उतराते देखकर बड़ा सुख मिलता है ।

प्राकृतिक दृश्य:

बरसात के पानी से समूची प्रकृति धुलकर एक नया रूप प्रस्तुत करती है । गरमी से जो घास झुलसकर पीली पड़ गई थी, फिर हरी होकर अपना सिर गर्व से खडा करने लगती है । पेडो पर धूल और धूप से पत्ते पीले-से दिखने लगते हैं ।

वर्षा के पानी से सारे पत्ते धुल जाते हैं और पेड़ पुन: हरे-भरे हो जाते हैं । ठंडी हवा से पेड़ के पत्ते संगीतमय धुन निकालते हैं । कोयलें फिर कूकने लगती है । ऐसा लगता है कि वह भी वर्षा का स्वागत गाना गाकर कर रही हों ।

वर्षा से नदी-नाले सभी पानी से भर जाते हैं । जगह-जगह पानी और कीचड़ भर जाता है । मकान की छतें, पेड़-पौधे सभी धुल जाते है और धूल व मिट्टी का नामोनिशान नहीं रहता ।

सभी पशु-पक्षी, स्त्री और पुरुष, बालक और वृद्ध प्रसन्न और उल्लसित हो उठते हैं । पेड़ और पौधे नया जीवन पाकर मदमस्त होकर झूमने लगते हैं । मेंढकों की टरटरहाट सुनाई पडने लगती हैं । सभी तरफ प्रसन्नता और खुशहाली नजर आती है ।

बरसात में कठिनाइयाँ:

बरसात से सड़कों, गलियों तथा मार्गों में चारों ओर पानी व कीचड़ भर जाता है । कभी-कभी सीवर रुक जाता है और सडकों पर कई फुट तक गंदा पानी भर जाता है । पानी के साथ सीवर की गन्दगी भी सड़कों पर बहने लगती है, जिससे बड़ी बदबू फैल जाती है ।

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इस रुके हुए पानी से लोगों को बड़ी कठिनाई होती है । सड़क पर चलने से कपडों पर कीचड़ के छींटे पड़ते है । कभी-कभी ये दाग मुश्किल से छूटते है । बारिश के कारण लडके बाहर के मैदानी खेल नहीं खेल पाते । सभी लोगों को घर के अन्दर बंद रहना पड़ता है । लोगों में सुस्ती और काहिली आती है । लड़के और लड़कियाँ सड़क के गंदे पानी में खेल कर तरह-तरह के चर्म रोग लगा लेते हैं । कभी-कभी अधिक देर भीग कर वे बीमार पड़ जाते हैं ।

कई दिनों तक भारी वर्षा होने से नदियों और तालाबो में बाढ़ आ जाती है । कभी-कभी भीषण वर्षा से रेल की पटरिया तक पानी में डूब जाती हैं और उसे भारी क्षति पहुंचाती हैं । कई-कई दिन उसे ठीक करने मे लग जाते हैं ।

इस बीच उस मार्ग पर रेलगाडियां बन्द हो जाती हैं तथा यात्रियो को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । सडकों पर पानी भर जाने से सडक यातायात भी ठप्प हो जाता है । वर्षा से बहुत-सी झोपडियां और मकान गिर जाते हैं, जिनमें अनेक व्यक्ति दबकर मर जाते हैं ।

उपसंहार:

गरमियों में बरसात का दिन उसी समय तक सुहावना लगता है, जब तक कि सूरज नहीं चमकता । ज्यों ही बादल हटते हैं और सूरज अपनी प्रचण्डता दिखाने लगता है, बरसात का साल आनन्द एकदम उड़न छू हो जाता है । गरमी बढ़ जाती है । यह गरमी बड़ी उमसभरी और सड़नभरी होती है ।

यद्यपि तापक्रम गरमियों की तरह बहुत अधिक नहीं होता लेकिन हवा में नमी के कारण पसीना नहीं सूखता और बदन चिपचिपाता रहता है । इस समय की गर्मी विशेष रूप से असहय हो जाती है ।

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