हानि-लाभ जीवन-मरण यश-उपयश विधि हाथ (निबंध)

हानि-लाभ जीवन-मरण यश-उपयश विधि हाथ (निबंध)! मानव ईश्वर की अद्‌भुत सृष्टि है । उसकी अप्रतिम शक्ति का प्रतीक भी मानव ही है । वह अपने निर्माता का ही प्रतिरूप है । जल, स्थल, नभमंडल-भी पर तो विजय पा ली है उसने । वह चाहे तो पवन को बंदी बना ले, सहस्रार्जुन की भाँति नदियों के प्रवाह को रोक दे और [...]