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साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi

साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi! जीवन का अर्थ है 'गतिशीलता' । प्राणिमात्र को हम तब तक जीवित मानते हैं जब तक उसमें आतरिक और बाह्य गतियाँ विद्यमान रहती हैं । जब गति ठहर जाती है तब उसे निर्जीव अथवा ‘मृत’ घोषित कर दिया जाता है । इसी प्रकार साहित्य में भी जब तक [...]

By |2015-12-17T13:29:39+05:30December 17, 2015|Literature|Comments Off on साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi

साहित्य और जीवन पर निबंध | Essay on Literature and Life in Hindi

साहित्य और जीवन पर निबंध | Essay on Literature and Life in Hindi! साहित्य समाज का दर्पण है । एक साहित्यकार समाज की वास्तविक तस्वीर को सदैव अपने साहित्य में उतारता रहा है । मानव जीवन समाज का ही एक अंग है । मनुष्य परस्पर मिलकर समाज की रचना करते हैं । इस प्रकार समाज और मानव जीवन का संबंध [...]

By |2015-10-15T07:16:55+05:30October 15, 2015|Life|Comments Off on साहित्य और जीवन पर निबंध | Essay on Literature and Life in Hindi
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