Tag Archives | Literature

साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi

साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi! जीवन का अर्थ है 'गतिशीलता' । प्राणिमात्र को हम तब तक जीवित मानते हैं जब तक उसमें आतरिक और बाह्य गतियाँ विद्यमान रहती हैं । जब गति ठहर जाती है तब उसे निर्जीव अथवा ‘मृत’ घोषित कर दिया जाता है । इसी प्रकार साहित्य में भी जब तक [...]

By |2015-12-17T13:29:39+05:30December 17, 2015|Literature|Comments Off on साहित्य और जीवन पर निबन्ध |Essay on Literature and Life in Hindi

हिंदी गद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on The Development of Hindi Prose in Hindi

हिंदी गद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on The Development of Hindi Prose in Hindi! संसार की समस्त भाषाओं में पद्य-रचना पहले हुई थी, गद्य-रचना इसके बाद की मानी जाती है । अतएव गद्य साहित्य का विकसित रूप है । हिंदी साहित्य के विगत कालों में धार्मिक उपदेश, जीवन चरित्र लेखन आदि के माध्यमों से ब्रजभाषा का प्रयोग सीमित [...]

By |2015-12-17T13:29:39+05:30December 17, 2015|Education|Comments Off on हिंदी गद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on The Development of Hindi Prose in Hindi

देवनागरी लिपि और उसकी वैज्ञानिकता पर निबन्ध | Essay on Devanagari Script and its Science in Hindi

देवनागरी लिपि और उसकी वैज्ञानिकता पर निबन्ध | Essay on Devanagari Script and its Science in Hindi! भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत की लिपि को 'देवनागरी लिपि' कहा जाता है । इस लिपि का प्रयोग वैदिक युग के पूर्व से ही होता आ रहा है । मनुष्य के मुख से जो ध्वनियाँ उच्चरित होती हैं, उनको व्यक्त और व्यवस्थित रखने [...]

By |2015-12-17T13:28:55+05:30December 17, 2015|Essays|Comments Off on देवनागरी लिपि और उसकी वैज्ञानिकता पर निबन्ध | Essay on Devanagari Script and its Science in Hindi
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