मलाला यूसुफ़जई की जीवनी! Here is a biography of ‘Malala Yusufaji’ in Hindi language.

बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्ध मलाला यूसुफ़जई का जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान में खैबर-पख्तूनख्वाह प्रान्त में स्वात जिले के मिंगोरा में हुआ था । उनके पिता का नाम जियाउद्दीन यूसुफ़जई है । मिंगोरा में ही मलाला की शिक्षा आरम्भ हुई थी ।

मिंगोरा पर तालिबान ने वर्ष, 2007 से मई, 2009 तक कब्जा कर रखा था । इस बीच तालिबान के भय से लड़कियों ने स्कूल जाना बन्द कर दिया था । यही से मलाला का संघर्ष शुरू होता है । मात्र 13 वर्ष की आयु में ही उन्होंने तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में एक छद्म नाम ‘गुल मकई’ से बीबीसी के लिए एक ब्लॉगिंग की तथा स्वात के लोगों में नायिका बन गईं ।

वर्ष 2009 में उन्होंने बीबीसी के लिए एक डायरी लिखी । जब उन्होंने तालिबान की ज्यादतियों के बारे में लिखना शुरू किया, तो उन्हें कई बार धमकियाँ मिलीं । उन दिनों तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबन्दी लगा दी थी ।  लड़कियों को टीवी कार्यक्रम देखने की भी मनाही थी, लेकिन अपनी डायरी के माध्यम से मलाला ने क्षेत्र के लोगों को न सिर्फ जागरूक किया, बल्कि तालिबान के विरुद्ध खड़ा भी किया ।

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वर्ष 2009 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मलाला पर एक फिल्म बनाई, जिसमें स्वात में तालिबानियों के कुकृत्यों का वर्णन किया ।  अपने विरुद्ध डायरी लिखने और लड़कियों की शिक्षा की हिमायती बनने पर 9 अक्टूबर, 2012 को तालिबान आतंकवादियों ने मलाला यूसुफ़जई पर स्वात घाटी में हमला किया, जिसमें वह गम्भीर रूप से घायल हो गईं ।

मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया । उस अस्पताल में वह स्वस्थ हो गईं । तालिबानी हमले के बाद विश्वभर में मलाला के लिए दुआ की गई ।  मलाला की आत्मकथा ‘आई एम मलाला : द गर्ल हू स्टुड अप फॉर एजुकेशन एण्ड वाज शॉट बाय तालिबान’ का लन्दन में 8 अक्टूबर, 2013 को विमोचन किया गया ।

अपनी आत्मकथा में उन्होंने अपने अनुभवों का उल्लेख किया है । वर्तमान में मलाला यूसुफ़जई बर्मिंघम के एजबेस्टन हाई स्कूल में पढ़ रही हैं ।  मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफ़जई को बर्मिंघम में पाकिस्तान दूतावास में नौकरी दी गई है तथा उनका पूरा परिवार ब्रिटेन में ही रह रहा है । मलाला के स्वस्थ होने के बाद उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ।

उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय बाल शान्ति पुरस्कार (2013), मैक्सिको का समानता पुरस्कार (2013), संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मान (2013), पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शान्ति पुरस्कार (2011) आदि प्रदान किए गए ।  टाइम पत्रिका ने मलाला को 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में नामित किया । संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया गया ।

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मलाला यूसुफ़जई को वर्ष 2014 का नोबेल शान्ति पुरस्कार देने की घोषणा की गई ।  यह पुरस्कार उन्हें भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है । अब मलाला सबसे कम आयु की नोबेल पुरस्कार विजेता बन गई हैं, जिन्होंने मात्र 17 वर्ष की में ही इस पुरस्कार को प्राप्त किया है ।

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