सिपाही पर निबंध / Essay on Policeman in Hindi!

सिपाही किसी भी समाज का सहायक सदस्य होता है । यह अपराधियों का शत्रु तथा आम नागरिकों का मित्र होता है । समाज में शांति बनाए रखने के लिए सिपाही या पुलिसमैन की भूमिका अति महत्त्वपूर्ण होती है । यह चोरों, डाकुओं और अपराधियों को पकड़ पर समाज को सुरक्षा प्रदान करता है ।

सिपाही स्थानीय पुलिस विभाग का सदस्य होता है । भारत में सिपाहियों की नियुक्ति प्रांतीय सरकार द्वारा की जाती है । ये शारीरिक रूप से सक्षम और राइफल, पिस्तौल आदि चलाने में निपुण होते हैं । इसके लिए इन्हें बहाल करने के पश्चात् प्रशिक्षण दिया जाता है । प्रशिक्षण पूरा होने पर उन्हें कार्यस्थल पर तैनात कर दिया जाता है ।

सिपाही का काम बहुत महत्त्व का है । उसकी लापरवाही से समाज में अशांति फैल सकती है । उसकी मुस्तैदी से समाज के सम्मानित सदस्य सिर ऊँचा करके जी सकते हैं । वह यदि चोरों को न पकड़े तो वे निर्भय होकर चोरी करें और जनता अपनी गाड़ी संपत्ति गँवा दे । वह डकैतों को गिरफ्तार न करे तो दिन-दहाड़े लूट और डकैती होने लगे । पॉकेटमारों की तो चाँदी ही होने लगे । बस और ट्रेनों में यात्रा करना दूभर हो जाए ।

पुलिस असावधान रहे तो लोग कानून न मानें और हर कोई अपनी मनमानी करने लगे । हत्या, बलात्कार, अपहरण, छुरीबाजी आदि घटनाओं की संख्या बढ़ जाए । पुलिस के निकम्मेपन का देशद्रोही जमकर लाभ उठाने लगें । आतंकवाद सिर चढ़कर बोले । दबंग लोग निर्बलों पर अत्याचार करने लगें । अपराधी बेखौफ घूमे और निर्दोषों को परेशान करें ।

सिपाही अपनी खास वर्दी में ड्‌यूटी करता है । उसकी वर्दी खाकी होती है । वर्दी पर उसका नाम और पद लिखा होता है । उसके सिर पर एक टोपी होती है । उसके हाथ में डंडा या राइफल होती है । पैरों में यह बूट पहनता है । वह आम तौर पर हृष्ट-पुष्ट और रोबीला दिखाई देता है । लोग उसे दूर से ही पहचान लेते हैं । वह कभी पुलिस चौकी पर ड्‌यूटी करता है, तो कभी भीड़- भाड़ वाले स्थानों पर । यह जीप पर सवार होकर क्षेत्र की निगरानी करता है ।

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मेले, समारोहों और जलसों पर उसकी तैनाती सुरक्षा के लिहाज से की जाती है । कहीं खेल हो रहा हो या राजनीतिक सभा चल रही हो, उसकी उपस्थिति व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होती है । आतंकवाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए पुलिस की भूमिका और भी बढ़ गई है ।

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पुलिस अपराधियों की खोजबीन में हमेशा तत्पर रहती है । वह अपराधियों को पकड़कर पुलिस चौकी ले आती है । वहाँ उनसे सघन पूछताछ की जाती है । फिर मामला बनाकर उन्हें न्यायालय के समक्ष लाया जाता है । अपराधियों को सजा देने का काम न्यायालय का है । पुलिस न्यायालय के आदेश को मानते हुए उसके निर्देशानुसार कार्य करती है । पुलिस आरोपी के विरुद्ध सबूत इकट्‌ठा करती है । सबूतों के आधार पर ही अपराधी के भाग्य का फैसला होता है ।

सिपाही को बहुत श्रम करना पड़ता है । उसे ड्‌यूटी पर हमेशा सजग रहना पड़ता है । उसे भूख-प्यास और बुरे मौसम की मार झेलनी पड़ती है । ड्‌यूटी में हुई चूक की उसे कीमत चुकानी पड़ती है । उसे अपराधियों से भिड़ते समय जान हथेली पर रखकर कार्य करना होता है । उसे अफसरों की डाँट खानी पड़ती है । उसे आम जनता के क्रोध का शिकार भी बनना पड़ता है । कभी-कभी तो वह बलि का बकरा बन जाता है ।

सिपाही का एक महत्त्वपूर्ण काम यातायात को नियंत्रित करना है । यातायात पुलिस के जवान शहरों में चौराहों पर तैनात रहते हैं । वे सीटी बजाकर तथा हाथ के इशारे से ट्रैफिक को जाने या रुकने का निर्देश देते हैं । वे वाहनों की तलाशी लेते हैं । वे लोगों से यातायात के नियमों का पालन करवाते हैं ।

बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ अपराध का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है । इसके साथ-साथ जिम्मेदारियाँ भी बढ़ रही हैं । वह जिम्मेदारियों को पूरा कर सके इसके लिए उसे अच्छी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए । उसे आधुनिक हथियारों से सुसज्जित कर देना चाहिए । उसे आकर्षक वेतन एवं अच्छी सुविधाएँ दी जानी चाहिए ।

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