जैसी मां वैसी संतान |

एक मादा केकड़े ने अपने बेटे को तिरछा चलता देखकर कहा: ”बेटे ! तुम इस प्रकार तिरछे चलते समय बिकुल मूर्ख नजर आते हो । अरे अपनी सीध में क्यों नहीं चलते ?” ”मां!” केकड़े का बच्चा बोला: ”कैसे चलूं? तुम पहले अपनी सीध में चल कर तो दिखाओ । जैसे तुम चलोगी, मैं भी वैसा ही करूंगा । मुझसे कहने से पहले तुम्हें पहले खुद उस चाल का उदाहरण देना चाहिए ।”

निष्कर्ष : दूसरों की कमियां देखने से पहले अपने आपको देखो ।

Home››Hindi Stories››