Hindi Story on Think Before You Act (With Picture)!

जो करो सोचकर करो |

एक बार एक विषैला सांप नदी के किनारे लेटा धूप का आनन्द ले रहा था कि तभी न जाने कहां से एक काला कौआ उसके ऊपर झपटा और उसे अपने पंजों में दबाकर आकाश में उड़ गया ।

सांप बुरी तरह ऐंठ कर खुद को कौए के पंजों से खाने क्य प्रयत्न करने लगा, मगर लाख प्रयास करने पर भी सफल नहीं हुआ । यह देखकर सांप ने गुस्से से फुंफकारते हुए कौए के शरीर में अपने जहरीले दांत गाड़ दिए ।

कुछ ही क्षणों में जहर का प्रभाव दिखने लगा । काला कौआ दर्द से फड़फड़ाता हुआ आकाश से धरती पर आ गिरा । सांप मरते हुए कौए के पंजों से निकल कर भाग गया । कौआ आब मौत के दरवाजे पर खड़ा था ।

सांप का जहर उसके शरीर में हर और फैल चुका था । मरने से कुछ क्षण पहले उसने सोचा : “आह ! क्या मुझे पहले नहीं सोचना चाहिए था ? यह मेरी भूल थी कि मैंने बिना सोचे-विचारे एक जहरीले सांप को उठा लिया । वही सांप आखिर मेरी मौत का कारण बना ।”

निष्कर्ष: समझदार सोचकर करते हैं, मूर्ख करके सोचते हैं ।

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