व्यवसाय जो मैं अपनाना चाहूंगा पर अनुच्छेद | Paragraph on Business I would like to Adopt in Hindi

प्रस्तावना:

हम कोई-न-कोई काम करके अपनी आजीविका कमाते हैं । वह काम हमारा व्यवसाय कहलाता है । हम सभी वह काम करना चाहते हैं, जिसमें हमे अधिक धन मिले और काम कम करना पड़े । लेकिन ऐसा प्राय: संभव नहीं होता । अत: हमें ऐसा व्यवसाय चुनना पड़ता है, जिसे करने की हमारी क्षमता हो और जिसने हमें रुचि हो ।

एक कठिन समस्या:

व्यवसाय का चुनाव एक कठिन समस्या है । ससार के हर व्यक्ति को इस समस्या का सामना अवश्य करना पडता है । ज्यों-ज्यों प्रतिद्वन्दिता बढ़ती जाती है, यह समस्या भी अधिक कठिन होती जाती है । इस समय संसार एक प्रकार के आर्थिक संकट की गिरफ्त मे है और इसलिए महान् प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है । इस प्रतिद्वन्दिता के कारण बड़ी बेरोजगारी है । बढ़ती हुई बेरोजगारी के कारण अक्सर चुनाव करना असंभव हो जाता है ।

चुनाव करते समय ध्यान देने योग्य बातें:

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आज ससार में बहुत-से लोग ऐसे व्यवसायों में लगे हैं, जिनके वे योग्य नहीं हैं । इसीलिए हमे किसी व्यवसाय का चुनाव करते समय भली-भाँति विचार करना चाहिए । ध्यान देने की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हमारा स्वभाव और रुचि कैसा काम करने में है । दूसरी बात शारीरिक क्षमता है । तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि उस व्यवसाय को अपनाने और सफलता पाने के लिए क्या हमारे पास समुचित साधन अथवा योग्यता है ।

मेरा चुनाव और उसके कारण:

साधारण तौर पर व्यक्ति वह व्यवसाय अपनाना चाहता है, जो उसके पुरखे करते आए हैं । वे सोचते हैं कि पुरखों का व्यवसाय अपनाना उनके लिए बड़ा आसान है, क्योंकि उन्हे पुरखों के अनुभव का लाभ अपने आप मिल जाता है ।

इसीलिए दुकानदार का बेटा अक्सर दुकान खोल लेता है अथवा बढ़ई का बेटा बढ़ईगीरी आसानी से सीख कर कहीं काम करने लगता है । किसी व्यापार को करने के लिए पूँजी (धन) की आवश्यकता होती है । सरकारी नौकरी पाने के लिए उपयुक्त शैक्षिक योग्यताओं की आवश्यकता होती है ।

मेरा परिवार विद्वान ब्राह्मण परिवार है । मेरा मकान एक सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के निकट है । मेरे पड़ोस में एक अध्यापक रहते थे । मैं अक्सर उन्हें उस समय स्कूल जाते देखता हू जब स्कूल की घंटी बजने लगती थी । मैं उन्हें कुर्सी पर बैठे लडकों से बातचीत करते हुए देखता था । मैं उनसे बड़ा प्रभावित था और बचपन से ही उनकी भांति मैं अध्यापक बनना चाहता हूँ ।

मैं अपनी कक्षा में सदा प्रथम आता हूँ । इसलिए मेरा विश्वास है कि अध्यापक का काम मैं बड़ी आसानी से कर सकता हूँ । मेरे बोलने का ढंग बड़ा अच्छा है और बातचीत में भी मैं निपुण हू । मैं समझता हूं कि अध्यापन का काम बड़ा प्रशंसनीय है । अध्यापक अपने विद्यार्थियों का चरित्र-निर्माण करता है ।

यही विद्यार्थी आगे चल कर अपने जीवन में तरह-तरह के उपयोगी कार्य करेंगे । इस तरह अध्यापक सही मायने में राष्ट्र-निर्माता होता है । उसके पढाये विद्यार्थी ही डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, व्यापारी और शासक बनते हैं ।अध्यापक का काम बड़ी ईमानदारी का होता है । वह कभी घूसखोरी या कपटता नहीं करता ।

उसका काम सरल और नियमित होता है । वह प्रात: जल्दी उठकर अपनी पुस्तकें पड़ता है । ठीक समय पर वह स्कूल जाता है । वह दिन में सीमित समय तक अध्यापन कार्य करता है । वह हमेशा लडुकों से बातचीत करता है, उनके साथ हँसता है, उन्हीं के साथ खेलता है और स्कूल का सारा समय उन्हीं के बीच बिताता है ।

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लड़कों के साथ रहकर वह रचय हमेशा युवा बना रहता है । यद्यपि उसे अधिक वेतन तो नहीं मिलता, फिर भी वह प्रसन्न और सतुष्ट दिखाई देता है । उसे कोई चिन्ता नहीं रहती और ठीक समय पर शाम को घर लौट आता है ।

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अध्यापक का स्वास्थय आमतौर पर अच्छा रहता है । वह सक्रिय और प्रसन्न रहता है । वह विद्यार्थियों के सामने आदर्श प्रस्तुत करता है । वह अपने विद्यार्थियों की भली-भाँति देखभाल करता है और उन्हे जीवन में महान् बनने के लिए प्रेरित करता है । वह उन्हें अच्छी आदतें डालना सिखाता है ।

अध्यापक को बहुत-सी छुट्टियाँ मिलती हैं । उसे कडी मेहनत का कोई काम नहीं करना पडता । उसे पढ़ने के लिए पर्याप्त समय मिलता है । ज्यों-ज्यों उसकी आयु बढ़ती है, उसका ज्ञान भी बढ़ता रहता है । उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रचुर ज्ञान हो जाता है । समाज मे उसे आदर की दृष्टि से देखा जाता है ।

व्यवसाय की तैयारी:

मैं अभी से अध्यापक बनने की तैयारी कर रहा हूँ । मैंने सभी तरह के फालतू कामों का छोड़ दिया है और पूरे मनोयोग से पढ़ाई में जुट गया हूं । मैं तरह-तरह की पुस्तकें बड़े ध्यान से पढ़ता हूँ ।

इसका परिणाम यह हुआ है कि परीक्षा में मुझे और भी अच्छे अंक मिलने लगे हैं और कक्षा का सबसे अच्छा विद्यार्थी माना जाता हूं । सीनियर सेकेण्डरी परीक्षा के बाद मैं एम.ए. तक पढ़ने के बाद मैं अध्यापन का प्रशिक्षण लूँगा ।

उपसंहार:

मैं जानता हू कि अन्य व्यवसायों मे मुझे कुछ अधिक धन मिल सकता है, लेकिन मेरा यकीन है कि किसी अन्य व्यवसाय से मूझे सच्चा आनन्द नहीं मिलेगा । अत: अध्यापन का काम अपनाने का मैंने पक्का इरादा कर लिया है । मुझे विश्वास है कि अध्यापक के रूप में मै अपने देश की सच्ची सेवा कर सकूँगा ।

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