Tag Archives | Development

सतत अथवा संधृत विकास: मतलब, अवधारणा और महत्व | Satat Athava Sandhrt Vikaas: Matalab, Svadhaarana Aur Mahatv

सतत अथवा संधृत विकास: मतलब, अवधारणा और महत्व | Satat Athava Sandhrt Vikaas: Matalab, Svadhaarana Aur Mahatv. Read this article in Hindi to learn about:- 1. सतत अथवा संधृत विकास का परिचय (Introduction to Sustainable Development) 2. सतत अथवा संधृत विकास का अर्थ (Meaning of Sustainable Development) 3. संकल्पना (Concept) 4. मौलिक तत्व (Basic Elements) and Other Details. Contents: सतत [...]

By |2018-05-24T16:53:34+05:30May 24, 2018|Sustainable Development|Comments Off on सतत अथवा संधृत विकास: मतलब, अवधारणा और महत्व | Satat Athava Sandhrt Vikaas: Matalab, Svadhaarana Aur Mahatv

भारत की प्रगति में कल-कारखानों का योगदान पर निबंध

भारत की प्रगति में कल-कारखानों का योगदान पर निबंध! किसी विद्वान् का यह कथन सत्य ही है कि भारत एक धनी देश है, जहाँ गरीब लोग रहते हैं । इस कथन का अर्थ है- भारत प्राकृतिक साधनों से संपन्न है, किंतु यहाँ की जनता उन प्राकृतिक साधनों का उपयोग नहीं कर पा रही है, अत: गरीब है । आज के [...]

By |2015-10-10T17:14:37+05:30October 10, 2015|Essays|Comments Off on भारत की प्रगति में कल-कारखानों का योगदान पर निबंध

असंतुलित विकास की त्रासदी पर निबंध | Essay on Tragedy of Unbalanced Development in Hindi

असंतुलित विकास की त्रासदी पर निबंध | Essay on Tragedy of Unbalanced Development in Hindi! भारत सरकार की जनगणना-2001 में शहरीकरण को लेकर जारी की गयी रिपोर्ट देखकर केंद्र और राज्य सरकारों के कान खडे हो जाने चाहिए । यह ठीक है कि वर्तमान में भारत अनेक देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और आर्थिक विकास की दृष्टि से [...]

By |2015-09-30T06:49:13+05:30September 29, 2015|India|Comments Off on असंतुलित विकास की त्रासदी पर निबंध | Essay on Tragedy of Unbalanced Development in Hindi
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