Tag Archives | Poetry

Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi

Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi! Hindi Doha # 1. श्री हनुमान चालीसा: ।। दोहा ।। श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि । बरनऊं रधुबर बिमल जस, जो दायकु फल चारि ।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय [...]

By |2016-01-19T06:36:40+05:30January 19, 2016|Lord Hanuman|Comments Off on Top 4 Doha’s of Lord Hanuman in Hindi

हिंदी पद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on Hindi Poetry in Hindi

हिंदी पद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on The Development of Hindi Poetry in Hindi! हिंदी पद्य हिंदी साहित्य के आदिकाल से आज तक अखंड रूप में प्रवाहित होती रही है । इसका आदिम रूप मध्यकाल के राजपूत शासकों के दरबारों और अपभ्रंश में मिश्रित भाषा में पाते हैं । राजाश्रय के कवि अपने आश्रयदाताओं के ऐश्वर्यमय जीवन तथा [...]

By |2015-12-17T13:29:39+05:30December 17, 2015|Poets|Comments Off on हिंदी पद्य का विकास पर निबन्ध | Essay on Hindi Poetry in Hindi

सभ्यता के विकास के साथ कविता का पतन अवश्यंभावी है (निबन्ध)

सभ्यता के विकास के साथ कविता का पतन अवश्यंभावी है (निबन्ध) | Essay on As Civilization Advances Poetry Necessarily Declines in Hindi! यह सर्वविदित है कि कविता किसी देश की सभ्यता का सूचक होती है । उत्कृष्ट साहित्य देश की महानता की कसौटी होता है । इसी कारण ग्रीक और रोमन सभ्यता को सम्मान दिया जाता है । प्राचीन भारत [...]

By |2015-10-26T18:03:04+05:30October 26, 2015|Essays|Comments Off on सभ्यता के विकास के साथ कविता का पतन अवश्यंभावी है (निबन्ध)
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