Archive | Society

समाज-सेवा पर अनुच्छेद | Paragraph on Social Service in Hindi Language

समाज-सेवा पर अनुच्छेद | Paragraph on Social Service in Hindi Language! ऐसी मान्यता है कि मनुष्य योनि अनेक जन्मों के उपरान्त कठिनाई से प्राप्त होती   है । मान्यता चाहे जो भी हो, परन्तु यह सत्य है कि समस्त प्राणियों में मनुष्य ही श्रेष्ठ है । इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले समस्त प्राणियों की तुलना में मनुष्य को अधिक विकसित [...]

By |2016-06-01T08:44:22+05:30June 1, 2016|Society|Comments Off on समाज-सेवा पर अनुच्छेद | Paragraph on Social Service in Hindi Language

सिनेमा और समाज पर निबंध | Essay on Cinema and Society in Hindi

सिनेमा और समाज पर निबंध | Essay on Cinema and Society in Hindi! सिनेमा बीसवीं सदी में मानव जाति को मिले कुछ बेश कीमती वैज्ञानिक उपहारों में से एक है । इसने विश्व के मनोरंजन के परिदृश्य में एक क्रांति ला दी है क्योंकि इससे पहले नाटक, नौटंकी व त्योहारों के अवसर पर लगने वाले मेले ही लोगों के मनोरंजन [...]

By |2016-01-19T06:37:27+05:30January 19, 2016|Society|Comments Off on सिनेमा और समाज पर निबंध | Essay on Cinema and Society in Hindi

समकालीन भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था पर निबन्ध | Essay on Indian Society in Hindi

समकालीन भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था पर निबन्ध | Essay on Indian Society in Hindi! समकालीन भारतीय समाज में वर्गीय शोषण-आधारित अर्थव्यवस्था और संसदीय लोकतंत्र के राजनीतिक ढाँचे का अंतर्विरोधपूर्ण और क्रियाशील रूप अस्तित्व में है । शोषक-वर्ग लोकतांत्रिक ढाँचे में जनाधिकार को सीमित बनाए रखने और सत्ता के केंद्रों पर अपना प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष अंकुश बनाए रखने के लिए क्रियाशील [...]

By |2015-12-17T13:29:39+05:30December 17, 2015|Society|Comments Off on समकालीन भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था पर निबन्ध | Essay on Indian Society in Hindi
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