All Beings are Worthwhile (With Picture)!

सब प्राणी सार्थक होते हैं |

एक गड़रिया था । उसके पास बहुत सारी भेड़ें थी । उसके पास कई कुत्ते भी थे । वह सारा दिन भेड़ों को जंगल में चराता । शाम को उन्हें वापस लाता । फिर उन्हें बाड़े में बंद कर देता । कुत्ते उनकी रखवाली करते रहते । गड़रिया भेड़ों का इतना ही ख्याल रखता ।

कुत्तों का वह पूरा ख्याल रखता । उनके खाने-पीने का पूरा इंतजाम करता । भेड़ें यह देखकर बड़ी दुखी रहतीं । एक दिन उन्होंने गड़रिए से कह ही दिया । कुत्ते भी वहीं बैठे थे । ”मालिक, आश्चर्य है! हम आपके कितने काम की हैं । आप फिर भी हमें वैसे ही रखते हैं ।

ये कुत्ते आपके किसी काम नहीं आते । इन्हें आप आराम से रखते हैं । आप हमसे ऊन पाते हैं । दूध पाते हैं । उन्हें बेचकर रुपए कमाते हैं ।” भेड़ों ने कहा । ”कुत्ते भी मेरे काम आते हैं ।” गड़रिए ने कहा । ”हमें तो ये खाली बैठे दिखते हैं । आप इनसे क्या काम लेते हैं ।”

”अरी मूर्ख भेड़ों!” एक कुत्ता बोला- ”तुममें बुद्धि नाम की चीज नहीं है । संसार का कोई भी प्राणी निरर्थक नहीं होता । सबका कोई-न-कोई काम होता है । छोटी-सी चींटी भी काम की होती है ।” ”अच्छा! तुम अपनी सार्थकता तो बताओ ।” एक भेड़ ने कहा ।

”यदि हम न हों तो तुम्हें भेड़िए खा जाएं । हम तुम्हारी रखवाली करते हैं । हम अपने मालिक के धन की रक्षा करते हैं । तुम्हारी ऊन की रक्षा करते हैं, इसलिए मालिक हमारा ख्याल रखते हैं ।” भेड़ें चुप हो गईं । कुत्ता ठीक ही तो कह रहा था । ”पगली, सबका अपना-अपना कार्य होता है । अकर्म कोई नहीं होता । तुम भी अपनी जगह काम की हो ।”

”सत्य कहते हो तुम ।” भेड़ें बोलीं- ”संसार में प्रत्येक चीज काम की होती है । हमें ईर्ष्या हो रही थी, इसी कारण हम ऐसा सोच रही थीं । हमें क्षमा कर दो ।” इस तरह भेड़ें और कुत्ते आराम से रहने लगे ।

सीख:

बच्चो! इससे हमें पता चलता है कि संसार की प्रत्येक चीज काम की होती है । हमें किसी को निरर्थक नहीं समझना चाहिए ।