Greed Takes Away Everything (With Picture)!

लालच सब कुछ छीन लेता है |

एक चरवाहा था । वह अपनी भेड़ों को चराता था । एक दिन वह जंगल में भेड़ चरा रहा था, तभी जोर से तूफान आया । आंधी के साथ खूब पानी बरसा । वह आश्रय की तलाश में भागा । उसने एक गुफा देखी । उसने सोचा कि इसी गुफा में अपनी भेड़ों को ले आऊं, परंतु पहले वह अंदर जाकर देखना चाहता था, वह अंदर घुस गया ।

उसने देखा कि अंदर सैकड़ों जंगली भेड़ें थी । चरवाहा लालच में आ गया । ‘यदि मुझे ये भेड़ें मिल जाएं तो मैं धनी बन जाऊं ।’ वह सोचने लगा- ‘परंतु ये जंगली भेड़ें मेरे साथ नहीं चलेंगी । मैं इन्हें फुसलाने का प्रयास करता हूं । शायद तब मेरा काम बन जाए ।’

बस, चरवाहा लालच में अंधा हो गया । वह उन भेड़ों के चक्कर में अपनी भेड़ों को भी भूल गया । उसने दिन में जितना भी घास-फूस इकट्‌ठा किया था, वह सब जंगली भेड़ों को खिला दिया । उसकी अपनी भेड़ें और भेड़ों के बच्चे रात-भर गुफा के बाहर पानी में भीगते रहे ।

चरवाहा लालच के वशीभूत उन्हें भूल गया । प्रात: होने पर बरसात रुकी । चरवाहा बाहर निकला । उसने देखा कि उसकी कितनी ही भेड़ें अपने बच्चों के साथ मर चुकी थीं । उसे बड़ा दुख हुआ, परंतु उसे यह भी खुशी थी कि जंगली भेड़ें उसको मिल गई थीं ।

उसका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था । तभी जंगली भेड़ें गुफा में से बाहर निकलीं । वे इधर-उधर को चल पड़ीं । चरवाहा यह देखकर घबरा गया- ”अरे कृतघ्न भेड़ों, मैंने तुम्हें अपनी भेड़ों के हिस्से का भोजन खिलाया, तुम्हारी रखवाली की, तुम फिर भी जा रही हों ।”

”मूर्ख चरवाहे तू लालची है, हमें देखकर अपनी पुरानी भेड़ों को भूल गया । कल अन्य को देखकर हमें भूल जाएगा । हम तेरे जैसे लालची के साथ नहीं जा सकतीं ।” चरवाहा अपनी बुद्धि पर रोता हुआ लौट आया । गांव में जिसने भी सुना, उसने ही उसकी हंसी उड़ाई- ”लालच में आकर पुराने संबंध और पुरानी संपत्ति को भूल जाने वाले का यही परिणाम होता है । लालच करने से कुछ मिलता तो नहीं, उल्टे वह भी चला जाता है, जो पास में होता है ।”

सीख:

बच्चे! लालच बुरी बात है । लालची व्यक्ति का कभी भला नहीं होता, अत: हमें लालच से बचना चाहिए ।

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