लोकसभा पर निबन्ध | Essay on Lok Sabha in Hindi!

लोकसभा का गठन:

लोकसभा संसद का प्रथम अथवा निम्न सदन है । इसे लोकप्रिय सदन भी कहा जाता है क्योंकि, इसके सभी सदस्य जनता द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं । संविधान का अनुच्छेद 81 लोकसभा की संरचना से सम्बन्धित है ।

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लोकसभा के 530 सदस्य राज्यों में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष रीति से व अधिकतम 20 सदस्य संघ शासित क्षेत्रों से संसद द्वारा निर्धारित रीति से चुने जाते हैं ।

आंग्ल- भारतीय समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के राष्ट्रपति अधिकतम 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है । इस प्रकार लोकसभा में अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं । 18 वर्ष की आयु प्राप्त प्रत्येक भारतीय नागरिक को जो पागल या दिवालिया नहीं है, लोकसभा के लिए मतदान का अधिकार दिया गया है ।

अन्य योग्यताओं के साथ प्रत्येक 25 वर्ष की आयु प्राप्त भारतीय नागरिक लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है लोकसभा का स्थ्यी अपनी प्रथम बैठक से अगले 5 वर्ष तक होती है, यदि उसे पहले भंग नहीं कर दिया जाता ।

नवगठित लोकसभा अपने अध्यक्ष (स्पीकर) तथा उपाध्यक्ष का चुनाव करती है । अध्यक्ष का कार्यकाल लोकसभा के कार्यकाल तक अथात् पाँच वर्ष होता है, किन्तु अपने पद से वह स्वेच्छा से त्यागपत्र दे सकता है अथवा अविश्वास प्रस्ताव द्वारा उसे हटाया जा सकता है । पद पर चुने जाने के बाद निष्पक्ष भूमिका निभाने के लिए वह निर्दलीय स्थिति में आ जाता है ।

उसका वेतन 40,000 रुपए प्रतिमाह है । लोकसभा के वर्तमान अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी है । उसके प्रमुख कार्य हैं – लोकसभा की बैठकों की अध्यक्षता तथा कार्यवाही का संचालन, सदन में व्यवस्था बनाए रखना, सदन का कार्यक्रम तय करना, किसी विषय पर मतदान कराना, मतगणना कराना तथा परिणामों की घोषणा करना तथा ‘ धन विधेयक ‘ को प्रमाणित करना आदि ।

लोकसभा का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी आवश्यक हैं:

1. वह भारत का नागरिक हो ।

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2. उसकी आयु 25 वर्ष से कम न हो ।

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3. वह संघ सरकार तथा राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर न हो (सरकारी नौकरी में न हो)

4. वह किसी न्यायालय द्वारा पागल न ठहराया गया हो । वह दिवालिया न हो तथा संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा अयोग्य न ठहराया गया हो ।

5. संसद के कानून द्वारा निर्धारित अन्य सभी योग्यताएं रखता हो ।

लोकसभा जनता की सभा है । इसक मदस्य भारत की जनता द्वारा वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाते हैं । लोकसभा के सभी निर्वाचन क्षेत्र ‘ एकल सदस्यीय रखे गये हैं तथा सर्वाधिक मत प्राप्त उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है ।

लोकसभा के अधिकतम 552 सदस्य होते हैं जिनमें से 530 सदस्य राज्यों से तथा 20 सदस्य संघ शासित क्षेत्रों से निर्वाचित होते हैं । शेष दो स्थानों पर भारत का राष्ट्रपति आंगल – भारतीय समुदाय में से मनोनयन कर सकता है । भारत में लोकसभा का एक सदस्य औसतन 9 लाख 43 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है ।

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