अच्छा नागरिक बनने के लिए मैं क्या कर रहा हूँ (अनुच्छेद) | Paragraph on What I am Doing to become a Good Citizen in Hindi

प्रस्तावना:

एक ही स्थान पर और सरकार के अधीन रहने वाले लोगों को जिनके समान हित होते हैं, नागरिक कहते है । मैं भारत का नागरिक हूँ और दिल्ली में रहता हूं इसलिए मैं दिल्ली के मामलों में विशेष रुचि लेता हूँ । मेरा अधिकार है कि मुझे-सब कुछ मिले, जो नैतिक और भौतिक लाभ दिलाने में सहायक हो ।

कर्त्तव्य का महत्व:

मैं भली-भाँति जानता हूँ कि अधिकार का मिलना एक अलग बात है और उसका ढंग से परिपालन करना बिल्कुल भिन्न है । इसलिए मैं अपने अधिकारों के बजाय कर्त्तव्यों के प्रति अधिक राजग रहता हूं । मैं हमेशा ही अपने साथियों की खुशियाँ बढ़ाने का प्रयत्न करता हूं और इसी से स्वयं भी प्रसन्न होता हूं ।

मैं ग्यारहवीं कक्षा का विद्यार्थी हू और पढ़ने में भी तैज हूं । इसलिए मैं निचली कक्षाओं के अपरने साथियों को कठिनाइयाँ स्कूल के समय में ही दूर करता हूं । उनकी पढ़ाई मैं मदद करके मेरे ज्ञान में भी कुछ न कुछ वृद्धि होती रहती है ।

स्कूल में कर्त्तव्यपालन:

मैं अपने सभी कर्त्तव्यों को भली-भाँति निभाने की सदैव चेष्टा करता हूं । मैं अपने स्कूल तथा नगर के सभी नियमों और कानूनों का बड़ी निष्ठापूर्वक पालन करता हूं । मैं स्कूल का प्रशासन ठीक से चलाने में अध्यापको की सहायता करता हूं । अपनी कक्षा में मैं सदा सही लोगों का पक्ष लेता हूं ।

मैं स्कूल के हितों की रक्षा के संबंध में चलाए गए सभी रचरथ आन्दोलनों में सदैव सक्रिय भाग लेता हूँ । यदि कोई ऐसा अवसर आ जाता है, जिसमें किसी के व्यक्तिगत हितों का स्कूल के अथवा नगर के हितों से टकराव हो जाता है, तो मैं निश्चय ही व्यक्तिगत हितों की परवाह न करके स्कूल या नगर के हितों की रक्षा करता हूं ।

स्कूल के बाहर के कर्त्तव्य:

स्कूल के बाहर आकर मैं एक अच्छा नागरिक बनने का प्रयास करता हूं । सड़क पर चलते समय मैं यातायात के नियमों का पूरी तरह पालन करता हूँ । नगर में हर तरह के वाद-विवाद और झगडों से बचने का मैं सदैव प्रयास करता हूं ।

जब भी कोई अवसर मिलता है, मैं नगर की सेवा करने से नहीं चूकता । राह में किसी अंधे को भटकते देख मैं उसकी लाठी पकड़ कर सड़क पार करवा देता हूँ और किसी अपाहिज को बस चढ़ाने में मदद करता हूँ । सभी सामाजिक और धार्मिक समारोहों में मैं स्वयंसेवक के रूप में व्यवस्था कायम रखने में मदद करता हूँ ।

ADVERTISEMENTS:

हमारा देश स्वतन्त्र है और यही के प्रत्येक वयस्क नागरिक को प्रशासन में भाग लेने का अधिकार है, इसलिए भविष्य में मैं अपनी सही भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा हूं । मैं दूसरों के अधिकारों की बड़ी इज्जत करता हूँ क्योंकि मैं भली-भांति जानता हूँ कि जो एक का अधिकार है, वही दूसरे को कर्त्तव्य होता है । अपने से कमजोर और असहायो की सहायता करना मैं अपना पुनीत कर्त्तव्य मानता हूं ।

ADVERTISEMENTS:

विद्यार्थी के रूप में मैं अपने अध्यापकों, माता-पिता तथा बुजुर्गों की आइप्त मानता हू और उनके बताए गए कामों को बड़ी खुशी से पूरा करता हूँ । मैं अपने सहपाठियों के हितों का सदैव ध्यान रखता हूं । मैं अपने सकीर्ण स्वार्थ से सदैव दूर रहता हूं ।

घर, स्कूल अथवा बाहर मैं सभी स्थानों पर मृदु भाषा का प्रयोग करता हू सबसे और सौम्य व्यवहार करता हूं । मैं आदेशों को नम्रतापूर्वक मान लेता हूँ । मैं आभार प्रकट करने में कभी कोताही नहीं करता । विद्यार्थी के रूप में मेरा सबसे बड़ा कर्त्तव्य ध्यान से पढ़ाई करना और अच्छे अकों से परीक्षा पास करना है ।

इसलिए मैं पढ़ाई पर विशेष ध्यान देता हूँ । मैं यह भी जान गया हूं कि जब तक व्यक्ति को अपने कर्त्तव्यों और अधिकारों का सही ज्ञान न हो, वह श्रेष्ठ नागरिक नहीं बन सकता और राह ज्ञान-शिक्षा द्वारा ही प्राप्त हो सकता है ।

उपसंहार:

आज का विद्यार्थी कल नागरिक होगा । इसलिए विद्यार्थी जीवन से ही ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए कि बालक अपना कर्त्तव्य ठीक से निभाना सीख लें । मैं अच्छा नागरिक बनने के लिए भरसक कोशिश कर रहा हूँ ।

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